कोटा। राजस्व बार एसोसिएशन एवं राजस्थान राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली से जुड़े अधिकारियों की बैठक गुरुवार को टैगोर हॉल में हुई। राजस्व मंडल अजमेर के अध्यक्ष वी श्रीनिवास ने कहा कि राजस्व मुकदमों का निस्तारण संबंधित अधिकारियों द्वारा सीपीसी के प्रावधानों के तहत किया जाए तथा निर्णयों की पालना के लिए तहसीलदार को स्वयं मौके पर जाकर राजस्व नियम 18 से 21 के तहत पालना करते हुए इंतकाल खोलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिला अधिकारों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जाए तथा महिला विधेयक के प्रावधानों के तहत महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए रेवेन्यू रिकॉर्ड में महिलाओं का नाम दर्ज किया जाए और उनके अधिकारों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
उन्होंने बताया कि अब तक वह करीब दो दर्जन जिलों का भ्रमण कर चुके हैं। मुकदमे, नोटिस, तारीख बदलना एवं फैसला ये भी ऑनलाइन किया जा चुका है, जिससे आमजन को काफी सुविधाएं मिली हैं। आम पक्षकार को आगामी तारीख भी मोबाइल पर मिलने लगी है। उन्होंने रजिस्ट्री करने से जुड़े अधिकारियों को रिक्त पदों को शीघ्र भरने का भरोसा भी दिलाया।
बैठक में बार एसोसिएशन के सदस्य जगदीश नंदवाना एडवोकेट ने सुझाव दिया कि पटवारी के पास रिकॉर्ड के लिए नोटबुक होना चाहिए जिससे काश्तकार की मृत्यु होने पर रिकाॅर्ड में दर्ज कर वह इंतकाल खुद ही खोल दे। चन्द्रमोहन शर्मा एडवोकेट ने कहा कि सीपीसी की धारा 89 में हुए संशोधन के आधार पर रेवन्यू बोर्ड में भी रेवन्यू समितियां बनाकर मुकदमों का निस्तारण समझौते के आधार पर करवाया जाना चाहिए।
कोटा से जुड़े मामलों की यहीं हो सुनवाई: सुरेन्द्र माहेश्वरी एडवोकेट ने सुझाव दिया कि तहसीलदार के पास जो रजिस्टर दस्तावेज होता है, तुरंत पटवारी के पास भिजवाकर इंतकाल खुलवा देना चाहिए। नरेन्द्र गुप्ता एडवोकेट ने सुझाव दिया कि जो अपील कोटा क्षेत्र अधिकार की है उसकी सुनवाई कोटा में ही राजस्व मंडल की बैंच में होनी चाहिए।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनोजपुरी एडवोकेट ने रेवन्यू में भ्रष्टाचार को रोकने की तरफ ध्यान आकर्षित किया। बैठक में जिला कलेक्टर गौरव गोयल, एडीएम प्रशासन सुनीता डागा सहित राजस्व मामलों से जुड़े सभी अधिकारी एवं बार एसोसिएशन के पदाधिकारी मौजूद रहे।