कोटा। मुम्बई के भास्कर व दिल्ली के नवनील ने कॅरियर के लिए मेट्रो सिटी छोड़ी, महाराष्ट्र के नांदेड़ के पार्थ और ओडिशा के करण ने भी कोटा की ओर रूख किया। देश में अलग-अलग दिशाओं से ये सभी कॅरियर का लक्ष्य लेकर राजस्थान के छोटे से शहर कोटा पहुंचे।
यहां जेईई की तैयारी के लिए सभी ने एक ही संस्थान एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया। कोटा के लय और यश ने भी इसी उद्देश्य से एलन कोचिंग में एडमिशन लिया। सपनों के इस शहर कोटा में कॅरियर बनाने के लिए आए ये सभी एक दूसरे से बिल्कुल अनजान थे।
अलग संस्कृति और अलग प्रांत से जब एक ही कोचिंग की क्लास में मिले तो पढ़ाई संग प्रीत हुई और एक-दूसरे के पक्के दोस्त बन गए, दो साल की इस दोस्ती ने ऐसा कमाल दिखाया कि देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन में सभी छह दोस्तों ने एक दूसरे से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए टॉप-20 में स्थान बनाया।
इनमें अखिल भारतीय स्तर पर रैंक 3 पर पार्थ लटूरिया, रैंक 7 पर भास्कर गुप्ता, रैंक 11 नवनील सिंघल, रैंक 13 पर लय जैन, रैंक 16 पर करण अग्रवाला तथा रैंक 19 पर यश गुप्ता रहे। अब आगे भी इन दोस्तों का लक्ष्य जेईई-एडवांस्ड में टॉप करते हुए आईआईटी मुम्बई में प्रवेश लेकर कम्प्यूटर साइंस की साथ पढ़ाई करना है।
अब ये स्टूडेंट्स ऐसे दोस्त हो गए हैं, जैसे एक ही परिवार से हों। कोचिंग सिटी कोटा विद्यार्थियों के सपने तो पूरे कर रही रहा है साथ ही ऐसे दोस्त भी बना रहा है जो एक दूसरे का साथ पाकर आगे बढ़ रहे हैं। नये आयाम स्थापित कर रहे हैं। यहां एक दूसरे का साथ मिसाल के रूप में सामने आ रहा है।
एक साथ पढ़ाई और दोस्ती पर जब इन विद्यार्थियों से बात की तो कहना था कि कोटा में एक साथ पढ़ाई से हम सभी की प्रतिभा निखरी है, क्योंकि हमें साथ ही कुछ ऐसा मिला था। यहां हमें आपसी चर्चा में कुछ न कुछ सीखने को ही मिलता था। हमारे डाउट्स और प्रॉब्लम्स एक-दूसरे से बातचीत करते हुए ही सॉल्व हो जाते हैं।
इस संबंध में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक राजेश माहेश्वरी का कहना है कि हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को श्रेष्ठ माहौल देने का है। हम चाहते हैं कि घर से दूर इन विद्यार्थियों को बड़ा घर मिले, जहां ये सब मिलजुलकर पढ़ें। आगे बढ़ें। ऐसी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो कि इनकी प्रतिभा निखरकर सामने आए।
पढ़ाई के लिए दोस्ती
करण ने बताया कि यह सब कोटा में ही संभव है, यहीं पढ़ाई के लिए दोस्ती हो सकती है, क्योंकि इतने टैलेंट एक साथ यहीं मिल सकते हैं। एक ही स्तर के स्टूडेंट्स मिलते हैं, एक दूसरे को समझते हैं और फिर प्रॉब्लम्स सॉल्व करने के लिए मदद करते हैं। कोटा आकर एक ऐसा शहर देखा जहां पढ़ाई ही सबकुछ है। यहां वो सबकुछ उपलब्ध है जो एक स्टूडेंट की आवश्यकता है।
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
पार्थ व नवनील ने बताया कि एलन में जब हम सब एक साथ पढ़ते हैं तो बहुत ऊर्जा मिलती है। यही नहीं एक-दूसरे के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी रहती है। टेस्ट में एक दूसरे से ज्यादा नम्बर लाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए पढ़ाई भी करते हैं। क्लास में डाउट्स पर जब चर्चा होती है तो सभी मिलकर टीचर्स से सप्लीमेंट्री सवाल पूछते हैं।
ऐसे में टॉपिक पर डिटेल डिस्कशन होता है और सब्जेक्ट की गहराई तक नॉलेज हो जाती है। इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। भास्कर ने बताया कि क्लास के बाद भी जब भी हमारी बातें होती हैं तो उसमें भी फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स ही होती है। कौनसे सवाल का क्या जवाब आया, कैसे आया, यह सब डिस्कस होता है। कई बार तो आपसी बातचीत में हम इतने उलझ जाते हैं कि टीचर्स के पास चले जाते हैं और उनसे क्लीयर करते हैं कि हममें से कौन सही है।
मस्ती और गंभीरता दोनों
पार्थ ने बताया कि मेरी आदत में ज्यादा मस्ती करना नहीं है, लेकिन एलन की क्लास में जब भी टाइम मिलता है हममें से कोई न कोई मस्ती करना शुरू कर देता है। करन ने बताया कि एक बार मैंने पार्थ को पढ़ाई में डिस्टर्ब करने की कोशिश की। वो नहीं हुआ, उलटा नाराज और हो गया।
इसके बाद हम सभी ने मिलकर उसे मनाया और बाद में सब एक दूसरे को छेड़ते हुए खूब हंसे। इस तरह कुछ न कुछ चलता रहता है। हम हर बात से सीखते हैं, कभी धैर्य रखना सीखते हैं तो कभी एक-दूजे का साथ देना सीखते हैं। ऐसे में यहां मस्ती और गंभीरता दोनों है।
अब एडवांस की तैयारी
करण व भास्कर ने बताया कि जेईई-मेन का स्कोर और आल इंडिया रैंक आ गई। हम सभी का टारगेट जेईई-एडवांस है। एलन में इन दिनों इसकी तैयारी चल रही है। इन दिनों जमकर पढ़ाई हो रही है। अगले कुछ दिनों में परीक्षा है। हम चाहते हैं कि जेईई-एडवांस्ड में हम सभी मिलकर इससे भी अच्छा परिणाम दें।