नई दिल्ली। Palm oil import: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में दूसरे खाद्य तेलों के मुकाबले पाम तेल की कीमतें अधिक होने के कारण उसके मांग में भारी कमी आयी है। मांग में कमी आने से दिसंबर में पाम तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में 40 फीसदी गिरकर नौ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। जिसके कारण भारत का कुल खाद्य तेल आयात दिसंबर में 25 फीसदी घटकर 11.9 लाख टन हो गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिसंबर में पाम तेल का आयात पिछले महीने की तुलना में 40 फीसदी गिरकर 5,03,000 मीट्रिक टन रह गया, जो मार्च 2023 के बाद सबसे कम है। दिसंबर में सोया ऑयल का आयात एक महीने पहले की तुलना में 3 फीसदी बढ़कर 4,20,000 मीट्रिक टन हो गया, जो चार महीनों में सबसे अधिक है, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात 22 फीसदी गिरकर 2,65,000 मीट्रिक टन रह गया है।
एक अनुमान के अनुसार, पाम ऑयल और सूरजमुखी तेल के कम आयात के कारण दिसंबर में देश का कुल खाद्य तेल आयात 25 फीसदी घटकर 11.9 लाख टन रह गया, जो तीन महीनों में सबसे कम है।
पिछले कुछ महीनो में सोया तेल के मुकाबले पाम तेल के प्रीमियम में उछाल के बाद भारतीय खरीदार सक्रिय रूप से आकर्षक कीमतों पर उपलब्ध सोया तेल की ओर रुख कर रहे हैं। पाम तेल आमतौर पर सोया तेल और सूरजमुखी तेल के मुकाबले डिस्काउंट पर कारोबार करता है, लेकिन उत्पादन में गिरावट के कारण इसकी कीमत प्रतिद्वंद्वी तेलों से ऊपर पहुंच गई हैं, जिनकी आपूर्ति प्रचुर मात्रा में है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम तेल सोया तेल के मुकाबले 100 डॉलर प्रति टन से अधिक प्रीमियम पर है जिसके चलते भारत सोयाबीन तेल आयात कर रहा है। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल खरीदता है, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील से सोया तेल और रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल का आयात करता है।