ये 6 राज्य बिहार, झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और उत्तराखंड हैं
नई दिल्ली। E-way Bill से माल की ढुलाई में 30 फीसदी तक समय बचा है। सोमवार को देश में 10.31 लाख ई-वे बिल जेनरेट हुए। इस व्यवस्था के पटरी पर आने के बाद जीएसटी काउंसिल में देश के छह अन्य राज्यों में इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 20 अप्रैल से लागू करने का फैसला किया गया। ये 6 राज्य बिहार, झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा और उत्तराखंड हैं। जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष सुशील मोदी ने यह जानकारी दी।
इससे पहले 15 अप्रैल से देश के पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल सिस्टम लागू हो चुका है। ई-वे बिल बिना किसी परेशानी के लागू होने के बाद सरकार इसे फेज वाइज अन्य राज्यों में लागू कर रही है।
रिटर्न फाइलिंग आसान बनाने पर हुई बात
बिहार के उप मुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि मीटिंग में जीएसटी रिटर्न को आसान बनाने पर चर्चा हुई। इस मीटिंग में 15 इनडायरेक्ट टैक्स एक्सपर्ट शामिल रहे। इसके साथ ही 40 इंडस्ट्री ऑर्गनाइजेशंस के साथ भी चर्चा हुई। रिटर्न पर राय के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने का काम जारी है। आम सहमति से रिटर्न का नया प्रारूप तय किया जाएगा।
अब छह और राज्यों में लागू होगा ई-वे बिल
अब इन राज्यों में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत के गुड्स की सप्लाई राज्य के अंदर भी करने पर ई-वे बिल बनाना होगा। सरकार ने बिल जेनरेशन आसान हो उसके लिए इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट बिल बनाने के फार्मेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है। कारोबारी को केवल इंट्रा स्टेट बिल बनाते समय केवल दूरी को बदलना होगा। इसके पहले इंटर स्टेट ई-वे बिल एक अप्रैल 2018 से सरकार लागू कर चुकी है।
मीटिंग की अन्य अहम बातें
-मोदी ने कहा कि रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म पर मई में होगा फैसला। जीएसटी 3बी फॉर्म जारी रहेगा।
-उन्होंने कहा कि ई-वे बिल अगर एसएमएस या प्रिंट आउट में है तो भी मान्य है।
-ई-वे बिल से माल ढुलाई से 30 फीसदी समय की बचत हुई, ई-वे बिल वेरिफिकेशन के लिए अधिकारी तय होंगे।
क्या है इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट ई-वे बिल
राज्य के अंदर ही स्टॉक ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में स्टॉक भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।
इंट्रा स्टेट ई-वे बिल किसे है बनाना?
इंट्रा स्टेट ई-वे बिल 50 हजार रुपए से ज्यादा का सामान ले जाने वाले अनरजिस्टर्ड कारोबारी, रजिस्टर्ड कारोबारी, डीलर्स और ट्रांसपोर्टर्स को जेनरेट करना होगा।
इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के लिए कराना होगा रजिस्ट्रेशन
आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश राज्यों के कारोबारी, डीलर, इंडस्ट्री और ट्रान्सपोर्टर्स के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के तहत रजिस्ट्रेशन अभी भी चल रहा है। कारोबारी ई-वे बिल पोर्टल https://www.ewaybillgst.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन या इनरॉलमेंट करा सकते हैं।
अनरजिस्टर्ड डीलर को भी कराना होगा एनरॉलमेंट
जिन कारोबारियों का टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है और जिन्होंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। अगर वह 50 हजार रुपए से अधिक के गुड्स को राज्य के अंदर सप्लाई करते हैं तो उन्हें भी ई-वे बिल बनाना होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में अनरजिस्टर्ड डीलर को एनरॉलमेंट फॉर्म भरना होगा जिसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन होगा। ये फॉर्म ई-वे बिल की वेबसाइट पर है और उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान ये फॉर्म भरना होगा।
पोर्टल पर बनेगा इंट्रा स्टेट ई-वे बिल
ई-वे बिल की वेबसाइट https://www.ewaybillgst.gov.in पर ही इंट्रा स्टेट ई-वे बिल जेनरेट होगा। इंट्रा स्टेट ई-वे बिल के लिए वही फॉर्म भरना होगा जो इंटर स्टेट ई-वे बिल के लिए भरते हैं। बस डेस्टिनेशन की दूरी और पहुंचाने का टाइम पीरियड कम हो जाएगा। ई-वे बिल जेनरेट करने का तरीका इंटर स्टेट ई-वे बिल की ही तरह होगा। इंटर स्टेट ई-वे बिल की तरह इंट्रा स्टेट ई-वे बिल में इन्वॉइस जेनरेट करने के बाद ट्रांसपोर्ट बिल और फिर ई-वे बिल बनाना होगा।