जयपुर। 50 फीसदी से अधिक छोटे खान ब्लाॅकों की नीलामी सफल नहीं हो पा रही है। ब्लाॅकों को फंसाने के लिए एक से लेकर तीन हजार फीसदी तक ऊंची बोली लगाई जा रही है। नीलामी शुल्क 7 से 8 हजार लगाकर ब्लाॅकों को रोका जा सके। इसे देखते हुए सरकार माइनर मिनरल पॉलिसी में संशोधन करेगी।
इसमें कोई भी व्यक्ति ब्लाॅकों को फंसा कर नहीं रख पाए। राज्य में ऐसे 59 ब्लाॅकों का आवंटन जनवरी में निरस्त होने की संभावना है। दरअसल मौजूदा नियम के अनुसार कोई भी 7 से 8 हजार रु. न्यूनतम नीलामी जमा कराकर ब्लाॅकों के लिए कितनी भी बोली लगा सकता है, लेकिन ऐसा प्रावधान नहीं है, जिससे वह निश्चित समय सीमा में खनन करे।
कई सालों के लिए एक हजार फीसदी से अधिक बोली लगने वाले ब्लाॅक फंस सकते हैं। पॉलिसी में संशोधन के लिए खान विभाग ने ड्राफ्ट तैयार किया है।