पद्मावती: नाम समेत 5 बदलावों का दिया सुझाव : सेंसर बोर्ड

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मुंबई। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC- सेंसर बोर्ड) ने पद्मावती का नाम पद्मावत करने समेत 5 बदलाव करने के सुझाव दिए हैं। साथ ही फिल्म को U/A सर्टिफिकेट देने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पद्मावती में 26 कट लगाए जा सकते हैं। बोर्ड ने कट लगाने की बात से इनकार कर दिया।

वहीं राजपूत करणी सेना अभी भी अपने तेवर नहीं बदले। उन्होंने कहा है कि अगर किसी भी थिएटर में फिल्म लगी तो तोड़फोड़ करेंगे। इसको लेकर 28 दिसंबर को सेंसर बोर्ड ने पद्मावती का रिव्यू किया था।

फिल्म में जरूरी बदलाव करने के लिए एक्सपर्ट्स का एक पैनल भी बनाया गया था। बता दें कि फिल्म को 1 दिसंबर को रिलीज किया जाना था। लेकिन विवादों में आने के चलते रिलीज टाल दी गई थी।

किन 5 बदलावों के बाद ही रिलीज होगी फिल्म?
1. फिल्म का नाम पद्मावती से पद्मावत करना होगा। भंसाली ने कमेटी से कहा था कि फिल्म मोहम्मद जायसी के पद्मावत पर आधारित है।
2. किरदारों की गरिमा के मुताबिक घूमर डांस में सुधार करना होगा। विरोध करने वालों का कहना है कि राजपूत राजघरानों में रानियां घूमर नहीं करती थीं।
3. डिस्क्लेमर देना होगा कि यह सती प्रथा काे महिमामंडित नहीं करती है। विरोध कर रहे संगठन फैक्ट्स से छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे हैं।
4. फिल्म काल्पनिक होने का डिस्क्लेमर देना होगा। 28 नवंबर को अाखिरी बार अप्लाई करने के दौरान फिल्म की कॉपी में डिस्क्लेमर नहीं दिया गया था।
5. ऐतिहासिक जगहों के गलत या भ्रामक संदर्भों को बदलना होगा।
(इन पांच बदलावों के बाद यू/ए सर्टिफिकेट के लिए फिल्म दोबारा सेंसर बोर्ड को जमा करवानी हाेगी।)

अंडरवर्ल्ड के दबाव में दी मंजूरी : करणी सेना
– श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ने कहा कि अंडरवर्ल्ड के दबाव में फिल्म को मंजूरी दी गई। फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों में तोड़फोड़ करेंगे।

– करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने दावा किया कि कमेटी ने सेंसर बोर्ड से कहा था कि खामियों की वजह से फिल्म रिलीज नहीं हो सकती। घूमर गाना बैन हो। करणी सेना और जौहर स्मृति संस्थान ने समीक्षा समिति को भंग कर नया पैनल बनाने की मांग की है।

– अखंड राजपूताना सेवा संघ के अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि नाम और दृश्यों में बदलाव से लोगों की भावनाएं नहीं बदल जाएंगी। लगता है कि बोर्ड फिल्म निर्माता भंसाली की मदद का मन बना चुका है।

– मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह ने भी सवाल उठाते हुए इसके प्रमुख प्रसून जोशी को खत लिखा है।
कब हुई थी सेंसर बोर्ड की मीटिंग और क्या तय हुआ?

-28 दिसंबर। तय हुआ कि कुछ बदलावों के साथ फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जहां से कहानी ली गई है, उसके आधार पर फिल्म का नाम भी बदला जा सकता है।

बोर्ड ने क्या सुझाव दिया?
– प्रसून जोशी ने कहा कि फिल्म का टाइटल समेत 5 बदलाव करने को कहा गया है। फिल्म में बाकायदा डिस्क्लेमर भी लगाना होगा।
– सती प्रथा को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाया जाएगा। फिल्म में दिखाए घूमर नृत्य में भी बदलाव होंगे।
क्या संजय लीला भंसाली को भी पक्ष रखने के मौका मिला?
– भंसाली पार्लियामेंट्री पैनल के सामने पेश हुए थे। उन्होंने कहा था कि फिल्म में 150 करोड़ रुपए लगे हैं। उनकी फिल्म 1540 में लिेखे गए ग्रंथ पद्मावत पर आधारित है।
– भंसाली प्रोडक्शन ने सेंसर बोर्ड को लेटर लिखा था जिसमें हिस्टॉरियंस और राजपूत कम्युनिटी के लोगों को फिल्म दिखाने की बात कही थी।

सेंसर बोर्ड के स्पेशल पैनल में कौन थे?
उदयपुर के अरविंद सिंह और जयपुर यूनिवर्सिटी के डॉ. चंद्रमणि सिंह और प्रो. केके सिंह।
– पैनल ने कहा कि फिल्म में दिखाई ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों की प्रामाणिकता तय होनी चाहिए।

बोर्ड का क्या रुख रहा?
– “फिल्म को लेकर फिल्ममेकर्स और सोसाइटी में संतुलित रवैया रखना चाहिए।”
– “फिल्म की पेचीदगी को देखते हुए हमने एक स्पेशल पैनल गठित किया था। पैनल के सुझाव पर ही बोर्ड अंतिम फैसला लेगा।”

क्या बोली करणी सेना?
राजपूत करणी सेना के सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि हमारे लोग सिनेमा हॉल के बाहर रहेंगे। जिस भी थिएटर में फिल्म दिखाई जाएगी वहां तोड़फोड़ की जाएगी। फिल्म का रिव्यू करने वाली कमेटी ने ही उसका विरोध किया था लेकिन सेंसर बोर्ड ने अंडरवर्ल्ड के दबाव के चलते इसकी मंजूरी दे दी।