विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें: स्पीकर बिरला
कोटा। जनमंच संस्थान कोटा की ओर से रविवार को तलवंडी स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम पर जन सम्मेलन “व्याख्यान: भारत को देखना है, अब भारत की ओर..” आयोजित किया गया। जिसमें राज्यसभा सांसद व प्रखर वक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे। वहीं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राकेश जिंदल, ऊर्जा मंत्री हीरालाल भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने विकसित भारत@2047 के लिए नागरिकों की भूमिका पर अपना दृष्टिकोण विस्तार से बताया।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि भारत का उदय निश्चित है। विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सुधांशु त्रिवेदी भारत के प्राचीनतम स्वरूप का विराट ज्ञान रखते हैं। उन्हें हमारे विद्यार्थियों के बीच फिर से लाएंगे। ताकि विकसित भारत पर हमारे विद्यार्थियों की भूमिका को भी रख सके।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गौरवशाली अतीत हमें प्रेरणा दे रहा, स्वर्णिम भविष्य प्रतीक्षा कर रहा है। आने वाला समय भारत का है, अपने कर्तव्य पथ पर जुट जाएं। हमें प्रगति के भागीदार बनते हुए नया इतिहास रचना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत आगे बढ़ रहा है। भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्म पर ऑक्सफोर्ड में रिसर्च हो रही है। पहले ऑक्सफोर्ड से हम सीखते थे। आज मोदी का दौर है तो वह हमसे सीख रहे हैं।

इस डिजिटल ट्रांसफार्म की शुरुआत भी राजस्थान की धरती से ही हुई थी। कभी भारत में चलती बस और ट्रेन में धमाके होते रहते थे। आज सर्जिकल स्ट्राइक के दौर में प्रवेश किए हैं तो दुश्मन को सबक सिखा कर आते हैं। स्पीकर ओम बिरला के बनने के बाद देश में आईपीसी, धारा 370, धारा 35 ए, ट्रिपल तलाक जैसे कानून बदले हैं तो नारी शक्ति वंदन जैसे अधिनियम बने हैं। अंग्रेजों के समय के संसद भवन से निकलकर स्वतंत्र भारत के संसद में प्रवेश किया है।
आज भारत चांद की अछूते कोने को छूने वाला देश बन गया है। नारी शक्ति वंदन संसद के पटल से चंद्रमा के पटल तक हो रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में 1920 में महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला, लेकिन भारत में एनी बेसेंट उससे पहले ही कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुकी थी। कईं देशों में महिलाओं को एमएलए एमपी बनने का अधिकार 1990 में मिला।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 2014 में केवल सरकार नहीं बदली, बल्कि एक सोच और एक विचार भी बदला है। हम सत्ता नहीं समाज बनाने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री ने 2014 से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे सामाजिक कार्य हाथ में लिए, जिनके परिणाम 2024 आते-आते लिंगानुपात में भारी सुधार के रूप में देखा गया है।
अभी हाल ही बजट में 15 लाख करोड रुपए आधारभूत विकास के लिए रखे गए हैं। आज 22 घंटे औसत बिजली मिल रही है। हवाई अड्डे 74 से बढ़कर 158 हो गए हैं। पेट्रोलियम आयात के खर्चे में 20% कटौती हुई है। एथेनॉल के उत्पादन से ग्रीन एनर्जी को भी बढ़ावा मिला है और किसानों को भी लाभ मिला है।
स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं का लाभ हुआ है। जिसके कारण से 2014 में भारत में दो मोबाइल की फैक्ट्री हुआ करती थी। आज 240 फैक्टरी में मोबाइल निर्माण का काम कर रहे हैं। भारत में अग्नि मिसाइल बनाने वाले राइफल का आयात करते थे। सैटेलाइट बनाने वाले फाइटर प्लेन नहीं बना पाए थे। आज डिफेंस के सेक्टर में हम निर्यात कर रहे हैं। जल, थल, नभ तीनों में हमारी शक्ति मजबूत हुई है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति में आज सोलर में भारत लंबी छलांग लगाई है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस बना और उसका केंद्र भारत में बना है। भारत ग्रीन एनर्जी पर काम कर रहा है। उसके बाद इस बजट में क्लीन एनर्जी न्यूक्लियर एनर्जी मिशन पर भी काम शुरू हुआ है।
एआई रिसर्च में भारत दुनिया से कदम मिला रहा है और इस बजट में 500 करोड़ की रिसर्च निधि रखी गई है। आर्थिक शुद्ध वर्तनी कारण होने के बावजूद आत्म गौरव ना हो तो किसी भी राष्ट्र का पतन हो सकता है आज हल्दी, तुलसी, पीपल, गाय का दूध, गंगाजल, गौमूत्र सभी को विज्ञान ने प्रमाणित कर दिया है। जिस सनातन को कुछ लोग डिजीज कह रहे हैं। वह तो रोग निवारण की सारी पद्धति लेकर चल रहा है।
कविताओं में रखी बात
सुधांशु त्रिवेदी ने विभिन्न प्रकार की किस्से कहानियों के साथ ही कविताओं और फिल्में डायलॉग के माध्यम से भी अपनी बात रखें उन्होंने फिल्म सौदागर का उदाहरण देते हुए महमूद गजनी और राजा जयपाल की कहानी बताई। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की कविता हिंदू तन मन हिंदू जीवन रग रग हिंदू मेरा परिचय और गीत नया गाता हूं.. सुनाई। वहीं जाति प्रान्त और वर्ग भेद के भ्रम को दूर भगाना है, भूख बीमारी और बेकारी इनको आज मिटाना है, एक देश का भाव जगा दें सबकी भारत माता है। अनेकता में ऐक्य मंत्र को जन-जन फिर अपनाता है धीरे-धीरे देश हमारा आगे बढ़ता जाता है द्वारा भी स्व की अलख जगाई। सुधांशु त्रिवेदी ने अलग-अलग उदाहरण किस्से कहानियों के द्वारा अपनी बात को प्रतिपादित किया। वहीं उन्होंने तरह-तरह के पंच भी मारे।
सुधांशु त्रिवेदी के भाषण की मुख्य बातें
- प्रधानमंत्री मोदी ने डीबीटी लागू किया और हाथ वाले हाथ मलते रह गए।
- कभी रूस के अलावा सारी दुनिया उनके साथ खड़ी थी, आज चीन के अलावा सारी दुनिया भारत के साथ खड़ी है।
- एम वायरस की वैक्सीन M फॉर मोदी में है। जिसकी बूस्टर डोज 2014, 2019 और 2024 में लगी है। एक बार और इसकी डोज लगना जरूरी है।
- पूरी दुनिया में केवल भारत में ही युद्ध के भी नियम होते थे।
- शाह आलम की सल्तनत पालम हवाई अड्डे तक थी।
- भारत दुनिया का विचित्र देश है। जहां जन-जन में महाराणा प्रताप महान हैं और किताबों में अकबर महान है। भारत अपने लिखे इतिहास को प्रमाणित नहीं मानता इतिहास में केवल नकारात्मक चीज़ पढ़ाई गई।
- 2024 के बाद से सर्वाधिक टूरिस्ट आगरा न जाकर अयोध्या जा रहे हैं।
- दुनिया के 73 देश के लोग, 50 लाख विदेशी, स्टीव जॉब्स की पत्नी और 66 करोड लोगों ने कुंभ में डुबकी लगाई। लेकिन किसी ने ने कहा कि कन्वर्ट हो जाओ।
- ज्यों ज्यों साइंस बढ़ रही है, हमारी जिन मान्यताओं को वे काल्पनिक मानते थे, आज उनका यथार्थ सामने आ रहा है।
- वह टुकड़ों में समाज को बांटना चाहते हैं। 64 करोड लोगों के कुंभ स्नान से उनके अरमान भी बह गए।
- राम मंदिर का निर्माण हुआ तो तंत्र के साथ स्व की भी प्राण प्रतिष्ठा हुई।
- हिंदुत्व को गाली देने वाले कहते थे हिंदू को जानते हैं हिंदुत्व को नहीं, आज हिंदुत्व वालों की सरकार बनी तो ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी हो गई और महंगाई दर उससे नीचे है।
पत्थर और प्रतिभा को चमका रहा कोटा
कोटा की धरती पर विकसित भारत के संकल्प को साकार करना है। कोटा वह धरती है जो पत्थरों में भी चमक पैदा करती है। और प्रतिभाओं को भी तरास कर चमका देती है। राजस्थान साहस की धरती है। जिसने हमें मानसिक दृष्टि से कभी पराधीन नहीं होने दिया।
गिनाए मोदी के 5 संकल्प
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अमृत काल में प्रधानमंत्री मोदी ने पांच संकल्प बताए हैं। उन संकल्पों को हमेशा याद रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें विकसित भारत के लिए काम करना है। गुलामी मानसिकता से मुक्ति पानी है। अपनी विरासत पर गर्व करना है। अपना कर्तव्य करना है और सामूहिक कर्तव्य पर ध्यान देना है।
कार्यक्रम में संस्थान के अध्यक्ष जितेंद्र गोयल, प्रवक्ता रवि अग्रवाल, गोविंद माहेश्वरी, महामंत्री सतीश गुप्ता, कोषाध्यक्ष डीसी जैन, कमल गुप्ता, सुभाष शाखा के अध्यक्ष तेजेश गोयल, सेक्रेटरी विकास अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुरेश पवार, शशिकांत अग्रवाल, वेदप्रकाश अग्रवाल, प्रवेश सक्सेना, अनिल गोयल, नेमीचंद अग्रवाल, अभिलाषा मंगल, बालमुकुंद खंडेलवाल, प्रवीण सिंगल, राजेश मित्तल, सीताराम अग्रवाल, राजेंद्र गुप्ता, पन्नालाल शर्मा, गोपाल गर्ग, नरेन्द्र कंसूरिया, त्रिलोक गोयल, ताराचंद गोयल समेत कईं लोग मौजूद रहे।