बैल से खेती पर अनुदान घोषणा से बेसहारा गौवंश की समस्या के समाधान की उम्मीद
कोटा। Rajasthan Budget Reactions: भारतीय किसान संघ ने राजस्थान सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश बजट में किसानों के लिए किसान सम्मान निधि में प्रति वर्ष 1000 की बढ़ोतरी कर 9000 प्रति वर्ष करने की घोषणा को सकारात्मक बताया है।
प्रान्त अध्यक्ष शंकरलाल नागर तथा महामंत्री अंबालाल शर्मा ने बताया कि बेसहारा गौवंश व सुअरों के आतंक से किसान परेशान है। सैक्स सॉर्टेड सीमन व बैल से खेती पर अनुदान घोषणा से बेसहारा गौवंश की समस्या के समाधान की उम्मीद है। सुअरों के निस्तारण के लिए भी पूरक बजट में कोई ठोस उपाय की घोषणा करनी चाहिए।
प्रान्त प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने बताया कि इस बजट में फसलों का सही मूल्य दिलाने के लिए गेंहू पर बोनस को जारी रख कर इसमें कुछ बढ़ोतरी की गई, जो स्वागत योग्य है। लेकिन किसानों को इस सीजन में 2700 रुपये किंवटल में खरीद की उम्मीद थी। अन्य फसलों के लिए कोई खास प्रावधान नही दिखे।
प्रदेश महिला प्रमुख रमा शर्मा तथा रजनी धाकड़ ने बताया कि फसलों की लागत घटाने व प्रदेश में फसल विपणन को बेहतर व प्रतिस्पर्धात्मक बनाने हेतु कृषक कल्याण शुल्क को हटाने, मंडी टैक्स को न्यूनतम करने, फसल परिवहन लागत कम करने हेतु किसान उपयोगी वाहनों के रजिस्ट्रेशन में कमी करने, उन पर न्यूनतम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाने, टोल में छूट देने पर कोई घोषणा नही हुई।
सम्भाग अध्यक्ष गिरीराज चौधरी तथा प्रचार प्रमुख 6जितेंद्र नागर ने बताया कि किसानों के वर्ष 2023 में मांग पत्र राशि जमा करवाकर कृषि सिंचाई हेतु विद्युत कनेक्शन का इंतजार कर रहे किसानों को कनेक्शन देने को लेकर कोई प्रावधान नही किया। ऐसे में 50 हजार कृषि कनेक्शन की घोषणा बेमानी लगती है। हर क्षेत्र में एमेन्सटी योजना की घोषणा हुई लेकिन किसानों के बकाया कृषि विद्युत बिलों पर पेलेंटी व ब्याज में छूट की घोषणा नहीं करने से किसान निराश है।
जिलाध्यक्ष जगदीश कलमंडा तथा मंत्री रूपनारायण यादव ने कहा कि कर्ज में दबे किसानों के लिए ऋण राहत आयोग के प्रावधान, फसलों के लागत व मूल्य निर्धारण हेतु आयोग की अपेक्षा अधूरी रही।
प्रान्त प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि मौजूदा सिंचाई परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु ध्यान दिया गया है, लेकिन सिंचाई क्षेत्र विस्तार में पिछड़े होने के चलते जिस तेजी से रन ऑफ वाटर ग्रिड में कार्य होने चाहिए। उस अनुरूप अपेक्षित कार्य नहीं हुए, अभी इसके लिए 4000 करोड़ की घोषणा अपर्याप्त, कृषि सिंचाई में बजट बढ़ाने की आवश्यकता को नजर अंदाज कर पिछली सरकारों की तरह ही शहरों में मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट पर बड़ी राशि खर्च करने को प्राथमिकता पर रखा गया।
बजट में तारबंदी, फार्म पोंड, पाइपलाइन, हाईटेक फार्मिंग, जैविक कृषि के प्रोत्साहन के आंकड़ो को किसानों की संख्या में दर्शा कर वृद्धि दिखाने का पिछली सरकारों की तरह ही प्रयास किया गया। ये लक्ष्य प्रदेश के किसानों के अनुपात में अपर्याप्त है। एग्रो ग्लोबल मीट के आयोजन, ब्याज मुक्त सहकारी ऋण हेतु बजट राशि मे कुछ बढ़ोतरी प्रदेश में एग्रो उद्योग के विकास सहित कुछ राहत मिलेगी।
सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के किर्यान्वयन ठीक से करने की व्यवस्था हो तथा पूरक बजट में कृषि व किसान कल्याण हेतु आवश्यकताओ पर राहत के प्रावधान किए जावें ताकि किसानों को पूरे वर्ष इंतजार न करना पड़े।