मुम्बई। दाल-दलहन उद्योग-व्यापार क्षेत्र के विश्लेषकों-विशेषज्ञों को उम्मीद है कि केन्द्र सरकार उड़द के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा में तुवर की भांति बढ़ोत्तरी कर सकती है लेकिन पीली मटर एवं देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की अवधि बढ़ने में संदेह है।
पहले ही इसका अत्यधिक आयात हो चुका है और अब रबी सीजन की नई फसल भी आने वाली है। फिलहाल 28 फरवरी तक पीली मटर एवं 31 मार्च तक देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी गई है।
यदि यह सुविधा बंद की गई तो पुनः पीली मटर पर 55 प्रतिशत एवं देसी चना पर 66 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू हो सकता है और इसकी कीमतों में नरमी का माहौल बनने लगा है।
सरकार घरेलू उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए इसके आयात को रोकने का प्रयास कर सकती है। जहां तक मसूर का सवाल है तो इसके शुल्क मुक्त आयात की निरंतरता के मुद्दे पर समीक्षकों की अलग-अलग राय सामने आ रही है। कुछ विश्लेषकों को लगता है कि मसूर के शुल्क मुक्त आयात को 31 मार्च 2025 से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी क्योंकि इसका दाम लम्बे समय से एक निश्चित सीमा में स्थिर बना हुआ है।
तुवर, उड़द, मसूर एवं चना के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा पिछले साल 31 मार्च 2025 तक बढ़ाई गई थी। अब सरकार ने तुवर के लिए इसकी अवधि एक साल के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक नियत कर दी है लेकिन उड़द एवं मसूर के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है। चना और पीली मटर पर संशय बना हुआ है। मूंग का आयात खुलने की संभावना नहीं है।
दिसम्बर 2023 में 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क हटाए जाने के बाद महज 4 महीनों के अंदर पीली मटर का आयात बढ़कर 11.70 लाख टन पर पहुंच गया था केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-नवम्बर 2024 के दौरान देश में लगभग 15.70 लाख टन पीली मटर का आयात हुआ। सीमा शुल्क दोबारा लागू होने की आशंका से दिसम्बर-जनवरी में इसका आयात बढ़ने के आसार हैं।