मध्य प्रदेश सरकार धान पर 2000 रुपए और गेहूं पर 800 रुपये बोनस देगी

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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा धान एवं गेहूं पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर अतिरिक्त बोनस देने के लिए एक नए फार्मूले पर काम कर रही है। मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य- छत्तीसगढ़ में किसानों को धान के लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य का भुगतान किया जाएगा।

इसमें 2300 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तथा 800 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस शामिल है। समर्थन मूल्य का भुगतान नियमित रूप से हो रहा है जबकि बोनस की राशि अगले महीने (फरवरी) से किसानों के बैंक खाते में पहुंचने लगेगी।

दूसरी ओर मध्य प्रदेश में बोनस का फार्मूला बदलने का प्रयास किया जा रहा है। वहां किसानों को उत्पादन के बजाए क्षेत्रफल के आधार पर बोनस देने की तैयारी हो रही है।प्राप्त सूचना के मुताबिक मध्य प्रदेश के किसानों को धान के लिए प्रति क्विंटल की दर से बोनस नहीं मिलेगा बल्कि प्रति हेक्टेयर 2000 रुपए का बोनस दिया जाएगा भले ही उसमें उत्पादन जितना ऊंचा हो।

उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में 6.23 लाख किसानों से लगभग 40 लाख टन धान की सरकारी खरीद हो चुकी है।केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित 2300 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर किसानों को अभी तक कुल मिलाकर 6489 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हो चुका है लेकिन बोनस का मामला फिलहाल अटका हुआ है। राज्य सरकार 2000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को बोनस देने का प्लान बना रही है।

गेहूं का मामला भी कुछ इसी तरह का है। वहां 2024-25 सीजन के गेहूं की खरीद के लिए 20 जनवरी से किसानों का पंजीकरण आरंभ हो चुका है। सरकार धान की भांति गेहूं के लिए भी रकबे के हिसाब से किसानों को बोनस देने की योजना बना रही है। वैसे फिलहाल प्रति हेक्टेयर बोनस की राशि का अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

जानकारों का कहना है कि बोनस के नए फार्मूले से सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। एक हेक्टेयर में औसतन 40-50 क्विंटल धान का उत्पादन होता है।यदि प्रत्यक्ष बोनस दिया जाए तो 32 से 40 हजार रुपए का भुगतान करना पड़ेगा जबकि नए फार्मूले के तहत केवल 2 हजार रुपए का ही भुगतान करने की जरूरत पड़ेगी। इससे किसानों को भारी घाटा हो सकता है।