Export: इंडोनेशिया भारत से 10 लाख टन गैर बासमती चावल का आयात करेगा

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नई दिल्ली। Non Basmati Rice Export: केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि इंडोनेशिया ने भारत से 10 लाख टन गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल का आयात करने का निर्णय लिया है और इसके लिए दोनों देशों के बीच एक करार (एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर भी हो चुके हैं। कृषि मंत्री के अनुसार इस लक्ष्य से किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल के आरंभ में भी इंडोनेशिया ने भारत से 10 लाख टन चावल मंगाने का प्लान बनाया था लेकिन इसके लिए करार नहीं हो सका।इंडोनेशिया की ओर से चावल आयात की योजना की घोषणा तो हुई थी लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। इस बार करार हो गया है।

भारत सरकार ने सभी किस्मों एवं श्रेणियों के साबुत चावल के निर्यात को सभी बंधनों एवं पाबंदियों से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। न्यूनतम निर्यात मूल्य तथा सीमा शुल्क को भी समाप्त कर दिया गया है जिससे भारतीय चावल अब वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी मूल्य स्तर पर उपलब्ध हो रहा है।

डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में भारी गिरावट आने से भारतीय निर्यातको को चावल का निर्यात ऑफर मूल्य नीचे स्तर पर रखने में सफलता मिल रही है जिससे इसकी खरीद में विदेशी आयातकों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है।

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत से केवल 85.252 करोड़ डॉलर मूल्य के ही गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात संभव हो पाया था क्योंकि सरकार ने जुलाई 2023 में इसके व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सितम्बर 2024 में इस प्रतिबंध को हटा लिया गया जिससे 2024-25 के वित्त वर्ष में इसका निर्यात बढ़ने के आसार हैं। भारत से एक समय गैर बासमती चावल का निर्यात दुनिया के 140 देशों में हो रहा था जिसमें अफ्रीका, दक्षिण एशिया तथा मध्य-पूर्व के देश मुख्य रूप से शामिल थे। अब दोबारा इसका रास्ता खुल गया है।