कोई भी कामयाबी जीवन का एक पड़ाव है, यह मंजिल नहीं: कलेक्टर डॉ. गोस्वामी

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जिला कलक्टर ने मोशन एजुकेशन के स्टूडेंट्स को दिए सफलता के टिप्स

कोटा। जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि प्रयास करते रहें, सफलता जरूर मिलेगी। वे गुरुवार शाम मोशन एजुकेशन के द्रोणा-3 कैम्पस में नीट की तैयारी कर रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान स्टूडेंट्स ने खुलकर अपने मन की बात रखी और कलक्टर डॉ.गोस्वामी से जीवन और पढ़ाई से जुड़े सवाल तथा सामने आ रही उलझनों से निकलने के तरीके पूछे। कार्यक्रम के शुरू में नीट डिवीजन के हेड अमित वर्मा ने जिला कलक्टर का स्वागत किया। मोशन के फाउंडर और सीईओ नितिन विजय ने भी स्टूडेंट्स को मोटिवेट किया।

एक स्टूडेंट ने कलेक्टर से कहा कि उसे पढ़ाई के बाद भी आत्मविश्वास नहीं आ पाता और अपनी तैयारी पर हमेशा शंका बनी रहती है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि तैयारियों पर शंका होना सामान्य बात है। इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है।

पढ़ा हुआ याद रखने के लिए लिख-लिख कर पढ़ाई करें। एग्जाम में होने वाली छोटी-छोटी गलतियों से कैसे बचें, इसके जवाब में कलेक्टर ने कहा कि परीक्षा में सिली मिस्टेक्स सामान्य है, जो सब करते हैं। लेकिन कुछ लोग ज्यादा करते हैं, तो कुछ कम।

ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करना, रिविजन करना और पुरानी गलतियों को न दोहराने से सिली मिस्टेक्स से बचा जा सकता है। जिला कलेक्टर गोस्वामी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों की अपनी क्षमता है, लेकिन जो टॉपिक आपको मुश्किल लगता है तो उसको बार बार पढ़ें। टेस्ट जरूर दें, ताकि गलतियों से सीखा जा सके।

कलेक्टर ने कहा कि कोई भी कामयाबी जीवन का एक पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है। जीवन मे हमेशा कुछ बेहतर करने की और पाने की गुंजाइश है। कलेक्टर ने कहा कि रात में सोने से पहले दिन में किए काम और पढ़ाई का आत्ममंथन करें।

अगर लगता है आज किसी चीज में ज्यादा समय बर्बाद किया है, तो कोशिश करें अगले दिन वह गलती न दोहराएं। अच्छे नंबर आने और सिलेक्शन से तनाव के सवाल पर कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि पीयर प्रेशर होना सामान्य है, लेकिन हर छात्र की अपनी क्षमता और खूबियां होती हैं, इसलिए तुलना से बचना चाहिए।

इस सवाल पर डॉ.गोस्वामी ने कहा कि शौक रहना जरूरी है. यदि खेलना अच्छा लगता है तो कुछ समय उसके लिए भी निकालें। पेंटिंग, मूवीज, लिखना जो भी शौक हो उसे साथ-साथ रखें।

एक अन्य सवाल पर डॉ.गोस्वामी ने कहा कि हम मोबाइल बहुत देर तक देख लेते हैं और जब छोड़ते हैं तो फिलिंग ऑफ डिसअपॉइंटमेंट आती है, इसलिए लिमिटेड उपयोग करना शुरू करें। मोबाइल ही नहीं हर आदत पर कंट्रोल करना आना चाहिए।

पढ़ाई के लिए समय कैसे तय करें, जवाब में जिला कलक्टर ने कहा कि याद रखें हमें कुछ समय पढ़ाई करना बहुत अच्छा लगता है, उसके बाद एवरेज और फिर बोरिंग लगता है। जो समय सबसे अच्छा लगता है, उस समय में सबसे टफ सब्जेक्ट पढ़ें। तीनों सब्जेक्ट रोज पढ़ें।