जोधपुर। Tarbuj Magaj: वर्तमान में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में नए मगज-तरबूज की आवक अच्छी चल रही है। जिस कारण से भाव दिन-प्रतिदिन घट रहे हैं। मगर सूत्रों का कहना है कि देसी मगज तरबूज की आवक का दबाव 15 दिसम्बर तक बना रहेगा। तत्पश्चात आवक घटनी शुरू हो जाएगी।
वर्तमान भावों में 20/25 रुपए प्रति किलो का मंदा और संभव है लेकिन देसी मालों की आवक घटने के साथ ही मगज-तरबूज की कीमतों में सुधार शुरू हो जाएगा और जनवरी माह के भाव मजबूत बने रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।
गत वर्ष कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण चालू सीजन के दौरान जून-जुलाई माह में राजस्थान में बिजाई तो अधिक की गई थी लेकिन बिजाई के पश्चात अत्यधिक बारिश होने के कारण फसल को नुकसान होने के साथ-साथ क्वालिटी भी प्रभावित हुई है।
जोधपुर के प्रसिद्ध एवं विश्वसनीय प्रतिष्ठान मै० विकास उद्योग के श्री विकास सोनी का कहना है कि चालू सीजन के दौरान भी देश में मगज-तरबूज का उत्पादन लगभग 2 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 70/75 किलो) के आसपास होने की संभावना है जोकि गत वर्ष के बराबर ही माना जा रहा है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि आमतौर पर गत वर्षों में मगज तरबूज का आयात कोटा प्रणाली के तहत किया जाता था कोटा प्रणाली के तहत लगभग 30/40 हजार टन का आयात किया जाता था।
लेकिन इस वर्ष सरकार ने बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से डीजीएफटी द्वारा 5 अप्रैल- 2024 को आयात ओजीएल के तहत खोल दिया गया था। जिस कारण से इस वर्ष लगभग 80/85 हजार टन मगज तरबूज आयात होने के अनुमान लगाए गए है।
सूत्रों का कहना है कि आयातित माल का अधिकांश माल खपत में जा चुका है वर्तमान में आयातित सूडान का स्टाक 25/30 हजार टन माना जा रहा है जोकि मजबूत हाथों में है। यह स्टॉक बढ़ने के पश्चात ही निकलेगा।
चालू सीजन के दौरान रिकॉर्ड आयात होने के कारण मगज-तरबूज की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। एक अनुमान के अनुसार गत वर्ष नवम्बर माह के जोधपुर मंडी में मगज-तरबूज का भाव 810 रुपए एवं दिल्ली बाजार में 840 रुपए चल रहा था।
जोकि वर्तमान में जोधपुर मंडी में भाव 435 रुपए एवं दिल्ली में भाव 440 रुपए बोला जा रहा है। वर्तमान में आवक का दबाव एवं कमजोर मांग के कारण भाव घट रहे हैं। आगामी दिनों में भाव 20/25 रुपए ओर घट सकते है। तत्पश्चात कीमतों में सुधार संभव है।