महिला शिक्षक संघमित्रा ने पहली बार डोनेट की एसडीपी, नई जनसेवा क्रांति का उदय

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कोटा। कोटा शहर रक्तदान के लिए अपने आप में अपनी अलग ही पहचान रखता है। एसडीपी के लिए भी अब शहर में युवाओं के बड़े ग्रुप लोगों की सेवा में तैयार है। लेकिन यदि कोई महिला एसडीपी के लिए आगे आती है तो एक नई रक्त क्रांति का उदय होता है और लोगों को प्रेरणा भी मिलती है।

शहर में चुनिंदा महिलाएं ही हैं जो एसडीपी डोनेट करती हैं। टीम जीवन दाता के संरक्षक व संयोजक भुवनेश गुप्ता ने बताया कि एक महिला शशिकला के लिए ओ पॉजिटिव एसडीपी की आवश्यकता थी, उसे ब्लीडिंग हो रही थी, एक मैसेज को ग्रुप में वायरल किया गया, कई लोगों ने उस मैसेज को अन्य ग्रुप में पहुंचाया।

ऐसे में एक अनजान महिला जिसने कभी रक्तदान भी नहीं किया और इस क्षेत्र से पूर्णतया अनभिज्ञ थी। उन्हें मैसेज को देखकर सेवा का भाव जागृत हुआ। संघमित्रा सेकंड ग्रेड टीचर अपने पति चैतन्य कुमार के साथ अपना ब्लड सेंटर तलवंडी पहुंची और उन्होंने पहली बार बिना संकोच के, सहजता से, प्रसन्नचित मुद्रा में एसडीपी डोनेट की।

इस कार्य के लिए उनके पति चैतन्य ने उनका भरपूर सहयोग किया। संघमित्रा का कहना है कि वह अब महिलाओं की टीम बनाकर आगे लोगों की मदद को तत्पर रहेगी। संघमित्रा की पहल से लगता है कि कोटा शहर तेजी से सेवा के भाव के साथ आगे बढ़ रहा है और एक नई क्रांति इस क्षेत्र में आने का संकेत है।