त्योहारी सीजन में वाहनों की खुदरा बिक्री पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ी

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नई दिल्ली। Vehicle sales increased: त्योहारी सीजन के दौरान वाहनों की खुदरा बिक्री पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ी है। दमदार मांग की बदौलत दोपहिया वाहनों की बिक्री की वजह से यह इजाफा हुआ। डीलरों के संगठन फाडा के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (फाडा) के अनुसार 42 दिनों वाले इस सीजन में 42.9 लाख वाहन बिके जबकि साल 2023 में इसी अवधि में 38.4 लाख वाहन बिके थे। यह सीजन नवरात्र के पहले दिन शुरू हुआ और धनतेरस के 15 दिन बाद (3 अक्टूबर से 13 नवंबर) तक चला।

दोपहिया वाहनों की बिक्री खास तौर पर जोरदार रही और पिछले साल (29.1 लाख बिक्री) की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 33.1 लाख तक पहुंच गई। ग्रामीण मांग की वजह से दोपहिया वाहनों की बिक्री में उछाल आई। लेकिन फाडा ने नवंबर में सभी वाहनों के अनुमानित स्टॉक स्तर को लेकर अपनी चिंता दोहराई है। उसके अनुसार डीलरों पर नवंबर के शुरू के दिनों में 75 से 80 दिन का स्टॉक था।

अनुमान के अनुसार यात्री वाहनों की बिक्री 7.1 प्रतिशत बढ़कर 6,03,000 वाहन हो गई जिसकी वजह एकाएक बढ़ी मांग और छूट रही। साल 2023 के त्योहारी सीजन में 5,63,000 यात्री वाहन बेचे गए। तिपहिया वाहनों की बिक्री 14 प्रतिशत बढ़कर 1,60,000 हो गई जबकि एक साल पहले यह संख्या 1,50,000 थी।

इस साल त्योहारी सीजन में 1,29,000 वाणिज्यिक वाहन बेचे गए जो पिछले साल के 1,27,000 वाहनों की तुलना में एक प्रतिशत अधिक है। इस साल त्योहारी सीजन में ट्रैक्टरों की बिक्री पिछले साल की 86,640 बिक्री के मुकाबले दो प्रतिशत घटकर 85,216 वाहन रह गई।

फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘हालांकि हम इन उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं, लेकिन हम स्वीकार करते हैं कि अगर दक्षिण भारत में, खास तौर पर बेंगलूरु और तमिलनाडु में बेमौसम भारी बारिश तथा ओडिशा को प्रभावित करने वाले चक्रवात दाना नहीं होता, तो हम 45 लाख के अपने लक्ष्य को पूरी तरह से हासिल कर सकते थे या उससे भी आगे निकल सकते थे। चूंकि त्योहारी गतिविधियां खत्म हो गई हैं, इसलिए फाडा को उम्मीद है कि यात्री वाहनों के स्टॉक का स्तर हमने अक्टूबर में खुदरा आंकड़ों की प्रेस विज्ञप्ति में जो सूचना दी थी, उससे और कम हो जाएगा।

दोपहिया वाहनों में ग्रामीण बिक्री की हिस्सेदारी मासिक आधार पर 53 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 56 प्रतिशत हो गई, जिसका त्योहारी सीजन में सबसे ज्यादा योगदान रहा। दूसरी तरफ यात्री वाहनों, तिपहिया वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों के मामले में ग्रामीण हिस्सेदारी क्रमशः 61 प्रतिशत, 52 प्रतिशत और 52 प्रतिशत पर सपाट रही। फाडा के अनुसार नवंबर में ग्रामीण हिस्सेदारी में और इजाफा हुआ, खास तौर पर दोपहिया वाहनों के मामले में।