नई दिल्ली। NPS Vatsalya Yojana: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 18 सितंबर को दिल्ली में एनपीएस-वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya Yojana) की शुरुआत करेंगी। यह खबर सूत्रों के हवाले से आई है।
इस कार्यक्रम में पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष दीपक मोहंती, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव नागराजु मड्डीराला भी शामिल होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में अपने बजट भाषण के दौरान कहा था, “एनपीएस-वात्सल्य योजना, जिसमें माता-पिता या संरक्षक नाबालिगों के लिए योगदान कर सकेंगे, शुरू की जाएगी। बालिग होने के बाद इस योजना को नियमित एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।”
एनपीएस-वात्सल्य योजना विशेष रूप से युवाओं के लिए तैयार की गई है। इस योजना के तहत माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के लिए खाते खोल सकते हैं और उनके रिटायरमेंट की बचत में योगदान कर सकते हैं।
योजना की एक खासियत इसकी फ्लैक्जिबिलिटी है। जब नाबालिग 18 वर्ष का हो जाता है, तब माता-पिता के पास खाता नियमित एनपीएस खाते में बदलने का विकल्प होता है, जिससे रिटायरमेंट की योजना को आसानी से आगे बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दूरस्थ स्थानों पर भी एनपीएस-वात्सल्य योजना की शुरुआत करेंगी।”
सभी माता-पिता और संरक्षक, चाहे वे भारतीय नागरिक हों, एनआरआई हों या ओसीआई, अपने नाबालिग बच्चों के लिए एनपीएस-वात्सल्य खाता खोलने के पात्र हैं। इस योजना की एक खास बात यह है कि माता-पिता अपने बच्चे के रिटायरमेंट के लिए बचत उसके शैशवावस्था से ही शुरू कर सकते हैं। लंबे निवेश समय में चक्रवृद्धि ब्याज की ताकत से रिटर्न में काफी वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, जब बच्चा वयस्क हो जाता है, तो उसका खाता अपने आप एक सामान्य एनपीएस खाते में बदल जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था, “एनपीएस की समीक्षा के लिए बनी समिति ने अपने काम में अच्छी प्रगति की है। मुझे खुशी है कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय परिषद के स्टाफ ने सकारात्मक तरीके से काम किया है। एक ऐसा समाधान निकाला जाएगा जो जरूरी मुद्दों को हल करेगा और साथ ही वित्तीय अनुशासन को बनाए रखेगा ताकि आम लोगों की भलाई हो सके।”