नई दिल्ली। Coriander Price: 2023-24 सीजन के दौरान कमजोर घरेलू उत्पादन के बावजूद धनिया की कीमतों में कोई विशेष उछाल नहीं आया, जिससे स्टॉकिस्टों को नुकसान होने की चिंता सताने लगी है।
यह भी सही है कि उत्पादकों को अपने माल का लगभग उचित मूल्य प्राप्त हो रहा है। तीनों प्रमुख उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात की मंडियों में सामान्य आवक के साथ धनिया का भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है।
पिछले साल गुजरात के किसानों ने जीरा की खेती में जबरदस्त उत्साह दिखाया था क्योंकि इसका दाम उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था।लेकिन चालू वर्ष के दौरान जीरा का भाव सामान्य स्तर के आसपास ही घूमता रहा है इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि गुजरात के उत्पादक इस बार जीरा की खेती में ज्यादा उतावलापन नहीं दिखाएंगे।
गत वर्ष जीरे की वजह से वहां धनिया का क्षेत्रफल काफी घट गया था मगर चालू वर्ष के दौरान इसमें कुछ सुधार आने के आसार हैं। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक आमतौर पर राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में दशहरे के बाद धनिया की बिजाई आरंभ हो जाती है। दहशरा इस वर्ष 12 अक्टूबर को है। इसका मतलब यह हुआ कि मध्य अक्टूबर से इसकी बिजाई प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
इसे देखते हुए बड़े-बड़े उत्पादकों ने मंडियों में अपने धनिये के स्टॉक को अच्छी मात्रा में उतारना शुरू कर दिया है। इसका प्रमाण यह है कि राजस्थान की रामगंज मंडी में धनिया की औसत दैनिक आवक 2500-3000 बोरी से बढ़कर 4500-5000 बोरी तथा बारां मंडी में 1000 बोरी से सुधरकर 1200-1500 बोरी पर पहुंच गई है।
बेशक इसके अनुरूप मंडियों में मांग नहीं है और इसलिए कीमतों पर कुछ हद तक दबाव भी बना हुआ है लेकिन नीचे दाम पर दिसावरी व्यापारियों, स्टॉकिस्टों और निर्यातकों की अमंग निकलने की उम्मीद है। इससे कीमतों में थोड़ी तेजी आएगी जो किसानों को बिजाई सीजन के दौरान क्षेत्रफल को सामान्य स्तर पर बरकरार रखने के लिए प्रोत्साहित करेगी।