बांग्ला देश में राजनैतिक संकट के चलते लालमिर्च में तेजी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च के भाव सीमित दायरे में बने रहे। उल्लेखनीय है कि लालमिर्च में पहले से ही चीन की लिवाली कमजोर बनी हुई थी। हाल ही में बांग्ला देश में राजनैतिक संकट के चलते बांग्ला देश की मांग भी घट गई है। जिस कारण से निर्यात व्यापार प्रभावित हो रहा है।

मगर सूत्रों का कहना है कि आगामी दिनों में हालात सुधरने के पश्चात मांग में बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन मांग बढ़ने के पश्चात भी कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। व्यापारियों का मानना है कि आगामी दिनों में मांग बढ़ने पर कीमतों में 10/15 रुपए की तेजी आ सकती है। इससे अधिक तेजी के आसार नहीं हैं।

क्योंकि चालू सीजन के दौरान देश में रिकॉर्ड उत्पादन होने के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों सहित खपत केन्द्रों पर भी स्टॉक पर्याप्त है। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश में लालमिर्च उत्पादन 2 करोड़ बोरी (प्रत्येक बोरी 45 किलो) से अधिक का रहा। इसके अलावा तेलंगाना में भी उत्पादन 80/85 लाख बोरी का माना गया था। कर्नाटक में भी उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक रहा।

बिजाई कम
वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में लगभग 35/40 रुपए प्रति किलो मंदे बोले जाने के कारण उत्पादक केन्द्रों पर लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रहने के समाचार मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई का कार्य पूरा हो चुका है और बिजाई गत वर्ष की तुलना में 20/25 प्रतिशत कम हुई है। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में बिजाई का कार्य जोरों पर चल रहा है लेकिन बिजाई का क्षेत्रफल गत वर्ष की तुलना में 25/30 प्रतिशत कम रहने के समाचार हैं। मध्य प्रदेश में नई लालमिर्च की आवक अक्टूबर माह में शुरू हो जाएगी। जबकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में आवक जनवरी-फरवरी माह में शुरू होगी।

स्टॉक
चालू सीजन के दौरान अधिक पैदावार के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक माना जा रहा है। गुंटूर मंडी में वर्तमान में लालमिर्च का स्टॉक 55/60 लाख बोरी होने के अनुमान है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में स्टॉक 40/45 लाख बोरी का था। तेलंगाना में 32/35 लाख बोरी का माना जा रहा है जबकि गत वर्ष स्टॉक 20/22 लाख बोरी का था।

आवक अधिक
स्टॉकिस्ट अपना स्टॉक हल्का करने के लिए लालमिर्च में बिकवाली का दबाव बनाए हुए हैं। वर्तमान में प्रमुख मंडी गुंटूर में लालमिर्च की औसतन दैनिक आवक 60/70 हजार बोरी की चल रही है जबकि व्यापार 30/40 हजार बोरी का हो रहा है। धारणा तेजी की नहीं होने के कारण लोकल व्यापार भी कम है। निर्यात मांग भी घटी है। वारंगल एवं खम्मम मंडी में भी लालमिर्च की दैनिक औसतन आवक 14/15 हजार बोरी की बनी हुई है।

अधिक तेजी नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि लालमिर्च की वर्तमान कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है बशर्ते आगामी दिनों में उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में मौसम फसल के अनुकूल रहे। व्यापारियों का मानना है कि स्टॉक पर्याप्त होने के अलावा अक्टूबर माह में मध्य प्रदेश में भी लालमिर्च की आवक शुरू हो जाएगी। निर्यात मांग बढ़ने पर कीमतों में 10/15 रुपए प्रति किलो की तेजी संभव है। वर्तमान में गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 185 रुपए एवं खम्मम में 195 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा है।

निर्यात
कमजोर निर्यात मांग के चलते चालू सीजन के प्रथम दो माह अप्रैल मई 2024 में लालमिर्च का निर्यात 78756.48 टन का किया गया जबकि गत वर्ष अप्रैल-मई -2023 में निर्यात 103485.44 टन का हुआ था। वर्ष 2023-24 में लालमिर्च का कुल निर्यात 601084 टन का किया गया। वर्ष 2020-21 में लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 649815 टन का हुआ था।