नई दिल्ली। Synthetic Milk: दूध में मिलावट की खबरें कोई नई बात नहीं है। पानी मिलाने तक तो ठीक है लेकिन अब दूध में ऐसे-ऐसे खतरनाक केमिकल्स मिलाए जाने लगे हैं, जो आपकी सेहत को बुरी तरह खराब कर सकते हैं। दरअसल ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापारी आपकी सेहत के साथ तो खिलवाड़ कर रही रहे हैं।
नकली दूध बनाने का एक नया ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आया है। जहां दूध विक्रेता ग्लूकोज और रिफाइंड तेल से तैयार नकली दूध (Synthetic Milk) को बाजार में बेचने जा रहे थे। हालांकि खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने 1400 लीटर नकली दूध से भरा टैंकर पकड़ लिया और खेत में बहा दिया।
इस दूध की कीमत 70 हजार रूपए बताई जा रही थी। जांच के दौरान टीम ने 15 किलोग्राम वे पाउडर, 150 लीटर लिक्विड ग्लूकोज, 15 लीटर रिफाइंड, और खुला रिफाइंड तेल जब्त किया। इन्हीं चीजों से नकली दूध तैयार किया जा रहा था। चलिए समझते हैं कि नकली दूध कैसे तैयार किया जाता है और आप इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं।
दूध में ग्लूकोज क्यों मिलाया जाता है
दूध में ग्लूकोज मिलाने की कई वजह हो सकती हैं जिनमें दूध का मीठापन बढ़ाना, दूध का मीठा स्वाद और गाढ़ापन बढ़ाना, मात्रा और वजन बढ़ाना, बनावट और गाढ़ापन सुधारना है। इतना ही नहीं, शुद्ध दूध की तुलना में ग्लूकोज थोड़ा सस्ता होता है। ग्लूकोज मिलाने से लागत कम हो जाती है और उन्हें मुनाफा ज्यादा होता है।
दूध में ग्लूकोज मिलावट के स्वास्थ्य पर असर
दूध में ग्लूकोज और अन्य पदार्थ मिलाने सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। इससे आपको दस्त, पेटदर्द, पेट फूलना, गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याएं, एलर्जी, ब्लड शुगर का बिगड़ना, वजन बढ़ना, दांतों की समस्याएं, विषाक्ता और इम्यून सिस्टम का कमजोर होना आदि का खतरा हो सकता है।
ग्लूकोज मिलावट की ऐसे करें जांच
FSSAI के अनुसार, डायसेट्रिक स्ट्रिप की एक स्ट्रिप लें और उसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक दूध में डुबोएं। यदि स्ट्रिप का रंग बदलता है तो इसका मतलब है कि दूध के नमूने में ग्लूकोज है। यदि पट्टी के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो ग्लूकोज नहीं है।
दूध में रिफाइंड तेल की मिलावट क्यों
दूध में रिफाइंड तेल मिलावट एक गंभीर समस्या है जो सेहत के लिए कई तरह के खतरे पैदा करती है। इस प्रक्रिया में दूध की मात्रा और फैट की मात्रा को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए दूध में रिफाइंड तेल मिलाया जाता है। रिफाइंड तेल मिलाने से दूध असली दूध जैसा गाढ़ा और मलाईदार दिखाई देता है।
दूध में रिफाइंड तेल की मिलावट से खतरे
इससे आपको दस्त और उल्टी जैसे पाचन संबंधी समस्याएं, अपच और पेट फूलना, हृदय संबंधी समस्याएं, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना और शरीर में पोषण की कमी होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं, इससे एलर्जी, स्किन एलर्जी श्वसन संबंधी समस्याएं और फूड पॉइजनिंग का भी रिस्क है।
दूध में मिलावटी रिफाइंड तेल की जांच
एक साफ गिलास में थोड़ा सा दूध लें। दूध में कुछ बूंदें लिक्विड डिशवाशिंग सोप का घोल डालें। मिश्रण को अच्छी तरह से हिलाएं। अगर दूध साबुन जैसा हो जाता है या झाग बन जाता है, तो इसका मतलब है कि उसमें रिफाइंड तेल मिला हुआ है। शुद्ध दूध साबुन जैसा घोल नहीं बनाएगा। दूसरा तरीका यह है कि एक परखनली या साफ गिलास में थोड़ा सा दूध लें। दूध में इतना ही गर्म पानी डालें। मिश्रण को अच्छी तरह से हिलाएं और थोड़ी देर खड़े रहने दें। अगर दूध में कोई तेल मिला हुआ है, तो आप सतह पर तैरते हुए तेल की बूंदें देखेंगे।