क्रशिंग मिलों की लिवाली से सोयाबीन के दाम में मामूली सुधार की उम्मीद

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नई दिल्ली । बिजाई क्षेत्र में शानदार बढ़ोत्तरी होने तथा विदेशों से खाद्य तेलों का विशाल आयात जारी रहने के बावजूद हाल के दिनों में सोयाबीन के मिल डिलीवरी मूल्य में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि उससे पूर्व लम्बे समय से इसका भाव नरम चल रहा था और लूज में तो घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे आ गया था। सरकार सोयाबीन का एमएसपी 2023-24 सीजन के 4600 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 4892 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है।

तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में 12-18 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य 25-50 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी-मंदी देखी गई। मध्य प्रदेश में यह नीचे में 4400 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया और ऊपर में भी 4575 रुपए तक ही पहुंच सका। महाराष्ट्र में स्थिति थोड़ी बेहतर रही जहां कुछ इकाइयों के लिए दाम सुधरकर 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचा। राजस्थान में सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य 50 रुपए की गिरावट के साथ 4450 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।

सोया तेल (रिफाइंड)
सोया रिफाइंड तेल के दाम में 5-10 रुपए प्रति 10 किलो की नरमी रही। मंदसौर की एक इकाई में यह 10 रुपए गिरकर 945 रुपए प्रति किलो पर आ गया। राजस्थान के कोटा में भी दाम 10 रुपए घटकर 970 रुपए और कांडला में 5 रुपए फिसलकर 945 रुपये प्रति 10 किलो रह गया।

सोया डीओसी: सोया डीओसी के दाम में सीमित घट-बढ़ रही। इसका निर्यात प्रदर्शन सामान्य है जबकि घरेलू मांग थोड़ी ठंडी हुई है। आगे इसमें कुछ तेजी आ सकती है।

उत्पादन: इस बार 15 जुलाई तक खरीफ सीजन में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र उछलकर 108.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 82.44 लाख हेक्टेयर से 25.66 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। इतना ही नहीं बल्कि यह उत्पादन क्षेत्र वर्ष 2022 के क्षेत्रफल 99.35 लाख हेक्टेयर तथा वर्ष 2021 के रकबा 90.32 लाख हेक्टेयर से भी काफी अधिक है।