पटरियों पर थिक वैब स्विच लगने से 130 किमी की स्पीड से दौड़ेंगी रेलगाड़ियां

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पश्चिम मध्य रेलवे ने ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए लगाए 106 थिक वैब स्विच

कोटा। रेलवे की सुविधाओं को विस्तार के उद्देश्य से इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जिससे रेल परिचालन एवं संरक्षा में उतरोत्तर वृद्धि हो रही है।

इसी कदम में पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेलखण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है। रेलखण्डों में गति को बढ़ाने के लिए तीनों मण्डलों पर थिक वैब स्विच पॉइंट मशीन लगाने का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। यह कार्य रेलव के इंजीनियरिंग, संकेत एवं दूरसंचार, परिचालन और विद्युत विभाग के सामूहिक प्रयासों से किया जा रहा है।

चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल से जून माह यानि प्रथम तिमाही में पश्चिम मध्य रेल ने विभिन्न रेल यार्ड तथा टर्न आउट लोकेशन में 106 थिक वैब स्विच स्थापित किये है। जिसमें जबलपर मण्डल पर 84 थिक वैब स्विच, भोपाल मण्डल पर, 06 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल पर, 16 थिक वैब स्विच रेल लाईनों में स्थापित किये गए है।

अकेले जून माह की बात करे तो 29 थिक वैब स्विच स्थापित किये है। जिसमें जबलपर मण्डल पर 12 थिक वैब स्विच, भोपाल मण्डल पर 4 थिक वैब स्विच और कोटा मण्डल पर 13 थिक वैब स्विच रेल लाइनों में स्थापित किये गए है। उल्लेखनीय है कि गत वित्तीय वर्ष में पश्चिम मध्य रेल में कुल 305 थिक वैब स्विच लगाए जा चुके है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि थिक वैब स्विच लगने पर ट्रेनों की गति के साथ सुरक्षा बढ़ेगी। पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं। अभी तक उसमें परम्परागत स्विच का प्रयोग होता रहा है। लेकिन अब थिक वैब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

थिक वैब स्विच लगाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेनों को 130 किमी प्रति घण्टे की स्पीड तक ले जाना है। जिसे भविष्य में 160 किमी प्रति घण्टे तक बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा इससे लूप लाइन में भी ट्रेनें की गति 30 किमी प्रति घण्टे से बढ़कर 50 किमी प्रति घंटे हो सकेगी। इसके साथ ही ट्रेनों के संचालन के दौरान इस नई तकनीकी के प्रयोग से कम्पन भी कम होता है।

थिक वैब स्वीच की प्रमुख विशेषताएं

  • थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसकी लाइफ को भी बढ़ता है।
  • इस नई तकनीक के प्रयोग से टर्न आउट सम्बंधित फेलियर न के बराबर रह जाते है।
  • इस पर अनुरक्षण व्यय पहले की तुलना में कम आता है।
  • ट्रैक पर अनुमानित गति बढ़ाई जा सकती है।
  • सामान्य प्वाईन्ट की तुलना में थिक वैब स्वीच कीआधुनिक प्रणाली बहुत विश्वसनीय है।