नई दिल्ली। NEET UG :नीट यूजी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के चलते एग्जाम रद्द कर दोबारा कराने ( NEET RETEST ) की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई टाल दी।
शीर्ष अदालत अब इस मामले की सुनवाई 18 जुलाई 2024 को करेगी। अदालत ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को केंद्र और एनटीए द्वारा दायर हलफनामों पर अपने जवाब दाखिल करने का भी समय दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने गुरुवार को कहा कि मामले के कुछ पक्षकारों को केंद्र और एनटीए द्वारा दायर हलफनामे नहीं मिले हैं और उन्हें बहस से पहले अपने जवाब तैयार करने की जरूरत है। एनटीए, सरकार और सीबीआई ने माना है कि पेपर लीक हुआ है इसलिए 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला सुना सकता है।
एक दिन पहले बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। हलफनामे में कहा गया है कि नीट-यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि वह नीट एग्जाम फिर से कराने के पक्ष में नहीं है।
हलफनामे के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दोषी किसी भी छात्र को कोई लाभ न मिले। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस हलफनामे में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि जुलाई 2024 के तीसरे हफ्ते से काउंसलिंग शुरू होगी।
इस दौरान अगर पाया जाता है कि किसी भी छात्र ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया जाएगा। नीट यूजी मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि आईआईटी मद्रास के डेटा एनालिटिक्स कोई असामान्यता या बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं दिखाता है।
सीबीआई ने भी अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है। इसमें जांच एजेंसी ने कहा है कि नीट का पेपर बड़े पैमाने पर लीक नहीं हुआ है। यह सिर्फ स्थानीय स्तर पर ही लीक हुआ है। सीबीआई ने यह भी कहा कि पेपर सोशल मीडिया पर लीक नहीं हुआ है। स्थानीय स्तर पर पेपर लीक होने की पुष्टि हो गई है।
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को एनटीए और सीबीआई से पेपर लीक होने के समय और परीक्षा के बीच की अवधि के बारे में जानकारी मांगी थी। इस बीच एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है।