यदि धारा 370 हट सकती है तो जातिगत आरक्षण भी समाप्त होगा: समता आंदोलन 

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कोटा। समता आंदोलन देश की प्रतिभा व पिछडों के साथ है। आरक्षण की जरूरत जिन्हें है उन्हें मिलनी चाहिए। ना कि किसी सम्पन्न व प्रभावशील व्यक्ति या जाति के नाम पर अन्य के अधिकारों का हनन करें। जातिगत आरक्षण में क्रीमीलेयर का प्रावधान लागू किया जावे। यह बात समता आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण ने समता आंदोलन के 17वें स्थापना दिवस समारोह में कही।

उन्होंने कहा कि समता परिवार निरंतर बढ रहा है। देश में 13 राज्यो से 4 लाख से अधिक लोग जुड चुके हैं और 3.2 लाख सक्रिय कार्यकर्ता हैं। उन्होने इस मौके पर समता आंदोलन की संघर्ष और सफलता की बातें मंच से साझा की।

पदोन्नति एवं जातिगत आरक्षण के साथ-साथ एट्रोसिटी एक्ट के प्रावधानों की अधिकृत अद्यतन जानकारी देने एवं इनके आधार पर हो रहे भेदभावपूर्ण अन्याय और अत्याचार को समाप्त करवाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर समता का 17वां स्थापना महोत्सव आयोजित किया गया।

गोपाल गर्ग ने स्वागत भाषण में 10 वर्षो के लिए की गई आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की मांग की। उन्होंने 6 सूत्रीय मांग को जनता के सामना पढ कर समझाया। संयोजक राजेंद्र गौतम ने जनजाति की मांग की। उन्होंने कहा कि कॉलेज के युवाओ को समता के मंचो पर लाया गया है। महामंत्री कमल सिंह ने कहा कि राजनेताओं ने देश को जाति के आधार पर बांट दिया है।

श्याम सुंदर सेवदा व ऋषिराज गौड़ ने कहा कि आरक्षण की वजह से प्रतिभा पलायन हो रहा है। उन्होंने कहा कि समता की सक्रियता बड़ी है। वर्तमान में 70 हजार व्हाट्सअप ग्रुप सक्रिय हैं। रासबिहारी पारीक ने कहा कि जातिगत आरक्षण समाप्त कर समानता के आधार पर संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुरूप हर वर्ग को इसका लाभ मिलने के लिए समिति द्वारा किए गए प्रयास है।

बाबा शैलेन्द्र भार्गव ने कहा कि जातिगत आरक्षण सामाजिक रूप से पिछड़े के उत्थान के लिए था। परन्तु आजादी के 75 वर्षो से आरक्षण की व्यवस्था लागू है अर्थात आरक्षण योजना लाभकारी निर्णय नहीं है इसकी निष्पक्ष समीक्षा जरूरी है।

इन्हे मिला समता श्री
इस अवसर पर वर्षों से समता आंदोलन के प्रति निष्ठा, समर्पण भाव से कार्य करने वाले बंधुओ को समता श्री से विभूषित किया गया। सुरेश शर्मा सहायक अभियंता सिंचाई, निमिष सक्सेना शिक्षा विभाग, शंभुलाल ओसवाल पीडब्ल्यूडी, भंवर पाल सुमन पीडब्ल्यूडी, लेखा अधिकारी गिरिराज मथुरिया, धर्मेंद्र टाक चिकित्सा, गिरिराज शर्मा रेलवे, पीपी गुप्ता अधीक्षण अभियंता ईआरसीपी को समता श्री से सम्मानित किया गया।

पदोन्नति में आरक्षण पर समता आंदोलन की बडी जीत
संभागीय संयोजक राजेन्द्र गौत्तम पने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से हुए फैसले के बाद अब सरकारें पदोन्नति में आरक्षित सीट से अधिक अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को मौका नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि यदि पदोन्नति में आरक्षण दिया जा चुका है तो अब, जबतक आरक्षित पद रिक्त नहीं होगा तब तक अन्य आरक्षित व्यक्ति उस आरक्षित पद पर नहीं आ सकता है। ऐसे में सामान्य वर्ग को लाभ होगा।

टिकटों में हो आरक्षण
संभागीय अध्यक्ष अनिल शर्मा ने राजनैतिक पार्टीयों में आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग की और टिकट वितरण में आरक्षण के प्रावधान लागू करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीट पर आरक्षण होने से योग्य व्यक्ति चुनाव लड़ने से वंचित हो जाता है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के कारण किसी प्रतिभा का हनन हुआ है तो इसका मुआवजा सरकार भरे। उन्होंने कहा कि विधायक, सांसद, सलाहकार परिषद का गठन किया जाये और विधायक, सांसद इन्हीं की सलाह पर विकास एवं अन्य कार्य करने के लिये बाध्य हों।

जातियों के बीच गृह युद्ध की स्थिति
जातिगत आरक्षण में पात्र व्यक्ति को ही आरक्षण का लाभ मिले। सरकारें सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के निर्णय का पालन नहीं कर रही हैं। समता आन्दोलन एक विचारधारा है। वर्तमान जातिगत आरक्षण व्यवस्था से एससी, एसटी वर्ग के लोग वंचित हैं। वे भी सम्पन्न एससी, एसटी वर्ग के लोगों द्वारा आरक्षण व्यवस्था के सारे लाभ ले जाने की शिकायत करते हैं। उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न जातियों में वर्ग संघर्ष पैदा हो गया है, जिससे गृह युद्ध की स्थिति बन सकती है। महामंत्री रास बिहारी पारीक ने मंच संचालन किया।