शादियों में खर्च करते हैं ब्लैकमनी लेकिन, टैक्स देने से बचते हैं लोग

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आयकर विभाग ने व्यापारियों को दी आउटरीच ट्रांजेक्शन की जानकारी

कोटा। शादियों अन्य समारोह में लोग ब्लैकमनी को आसानी से खर्च कर देते हैं। टेंट, होटल और कैटर्स वालों को कैश पेमेंट देते हैं, लेकिन इससे इन व्यापारियों का भला होने वाला नहीं है।

शादी समारोह में दिल खोलकर पैसा खर्चे करने वाले इनकम टैक्स देने में कंजूसी करते हैं। यह कहना है इनकम टैक्स निदेशक रंजन कुमार का। वह गुरुवार को आउटरीच कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि टैक्स देने के लोगों को कई फायदे हैं। लेकिन, लोग अपनी आमदनी का एक प्रतिशत हिस्सा देश के विकास को देने में भी हिचकिचाते हैं। देशभर में जो सड़कें और रेलवे लाइन विस्तार समेत जो बड़े-बड़े ब्रिज बनाएं जा रहे हैं, वे टैक्स से ही बन रहे हैं।

टैक्स देश के विकास में काम आता है। अभी तक पाया है कि टेंट, होटल, गार्डन कैटर्स वाले कैश पेमेंट लेते हैं और रिटर्न भी फाइल नहीं कर रहे और कुछेक कर रहे हैं तो कम कर रहे हैं। इससे देश का नुकसान तो हो ही रहा है, साथ में वे खुद का भी नुकसान कर रहे हैं।

सेमिनार में लोगों को चन्द्रगुप्त एवं चाणक्य की फिल्म प्रदर्शित कर टैक्स के मायने बताए। उन्होंने इनकम टैक्स विभाग की तुलना मधुमक्खी के छत्ते से भी की। उन्होंने कहा कि टैक्स नहीं देने पर जब विभाग छापा मार कार्रवाई करता है तो, उसे मधुमक्खी के डंक की तरह ही कांटा लगता है।

इसलिए टैक्स भरने को आफत नहीं समझें। समय पर अपना टैक्स भरे। कार्यक्रम में आयकर उपनिदेशक ए.के. गहलोत, गार्डन एसोसिएशन अध्यक्ष सुभाष गांधी, टेंट व्यवसायी महासंघ अध्यक्ष राकेश जैन, कैटर्स एसोसिएशन अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह वाघेल समेत कई व्यापारी मौजूद रहे। 

टैक्स देने से बनती है कंपनी की कैपिटल :स्टेटमेंट आॅफफाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (एसएफटी) एवं आयकर संबंधी समस्याओं के समाधान पर आयोजित सेमिनार में रंजन कुमार ने कहा कि टैक्स देने के लोगों को कई फायदे होते हैं। टैक्स चुकाने से आपको लोन आसानी से मिल सकता है, आपका वीजा आसानी से बन सकता है।

अगर आप करदाता है तो आपके बच्चों को विदेश पढ़ाई के लिए भेजना है तो आपको इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन, लोग टैक्स देने से घबराते हैं। जबकि टैक्स देने से व्यक्ति और कंपनी की कैपिटल बनती है।