इस बार घटेगा आलू-प्याज का उत्पादन; टमाटर बढ़ेगा, जानिए दूसरी सब्जियों का हाल

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नई दिल्ली। फसल वर्ष 2023-24 के दौरान आलू और प्याज का उत्पादन कम रह सकता है, जबकि टमाटर का उत्पादन कुछ अधिक रहने की संभावना है। गुरुवार को जारी बागवानी उत्पादों के पहले अग्रिम अनुमान के ताजा आंकड़ों से यह पता चलता है।

कृषि विभाग के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘महाराष्ट्र में 34.3 लाख टन, कर्नाटक में 9.9 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.5 लाख टन और राजस्थान में 3.1 लाख टन कम उत्पादन होने के कारण 2023-24 में प्याज का उत्पादन 254.7 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल करीब 302 लाख टन था।

बहरहाल इन आंकड़ों में बदलाव हो सकता है, क्योंकि ये शुरुआती अनुमान हैं। इस तरह 2023-24 में प्याज के उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 16 फीसदी की गिरावट आएगी।

आंकड़ों के मुताबिक प्याज का उत्पादन 2021-22 में 316.8 लाख टन रहा है। केंद्र सरकार ने घरेलू बाजार में कीमत पर नियंत्रण करने के लिए पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है।

2023-24 में आलू का उत्पादन करीब 589.9 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल 601.4 लाख टन था। पश्चिम बंगाल में पिछले साल की तुलना में उत्पादन में आई कमी के कारण कुल उत्पादन में गिरावट आई है, जो प्रमुख आलू उत्पादक राज्यों में शामिल है।

पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक टमाटर का उत्पादन 2023-24 में 208.1 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल के 204.2 लाख टन की तुलना में थोड़ा अधिक है।

कृषि विभाग ने आज विभिन्न इलाकों के विभिन्न बागवानी फसलों के उत्पादन का 2022-23 का अंतिम अनुमान और 2023-24 का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है। यह अनुमान राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ अन्य सरकारी एजेंसियों से मिली सूचना के आधार पर तैयार किया जाता है।

कुल मिलाकर 2023-24 में बागवानी फसलों का उत्पादन 3,550 लाख टन रहने की संभावना है, जो पिछले साल भी करीब इतना ही 3,554.8 लाख टन था।

इनमें से 2023-24 में सब्जियों का उत्पादन करीब 2,093.9 लाख टन रहने का अनुमान है, जो इसके पहले के साल की तुलना में 1.5 फीसदी कम है। वहीं फलों का उत्पादन करीब 1,120.8 लाख टन रहने का अनुमान है, जो इसके पहले के साल की तुलना में 1.7 फीसदी ज्यादा है।

बयान में कहा गया है कि सब्जियों में बंदगोभी, फूलगोभी, कोहड़ा (कद्दू), टमाटर व कुछ अन्य सब्जियों का उत्पादन 2023-24 में बढ़ा है। वहीं केले, आम और नारंगी का उत्पादन बढ़ने के कारण कुल मिलाकर फलों का उत्पादन बढ़ा है।