चंबल के खनन प्रभावित इलाके का चंबल संसद प्रतिनिधियों ने दौरा किया
कोटा। चंबल संसद के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को प्राप्त चंबल नदी के खनन प्रभावित क्षेत्र बालीता साइट से पैदल घूम कर चंबल में हो रहे व्यापक नुकसान का जायजा लिया।
चंबल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय ने बताया कि चंबल के किनारे बालीता रोड पर अवैध बस्तियां बस्ती जा रही है। चंबल के किनारों को मिट्टी खनन से मैदान बनाकर सपाट बना दिया गया है, इस प्रवृत्ति पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है।
ग्रीन रिवर फ्रंट के दूसरे चरण का एक काम शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए और क्योंकि केशवराय पाटन तक इस धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इससे चंबल का नैसर्गिक सौंदर्य निखर कर आएगा।
प्रतिनिधि मंडल ने सुझाव दिया की बालीता बस्ती के सभी गंदे नालों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाए। सचिव डॉक्टर अमित सिंह राठौड़, बायोलॉजिस्ट डॉक्टर कृष्णेन्द्र सिंह, जल बिरादरी के राजेंद्र जैन, भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक निधि (इंटेक)के अनिल शर्मा आदि सदस्यों ने चंबल में गिर रहे गंदे नालों और नदी के किनारे नित नए बना रहे आघोषित डंपिंग यार्ड पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
चंबल नदी को बचाने के क्रम में शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर से मिलकर समस्याओं से अवगत कराएगा एवं राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग करेगा। राजेंद्र जैन ने बताया कि बैराज के नीचे बनाए गए मौजूदा रिवर फ्रंट में भी अवैध गतिविधियां संचालित हो रही है जिन पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है।