नई दिल्ली। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) को पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) के ट्रांजैक्शंस की जांच में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत कोई उल्लंघन नहीं मिला है। द हिंदू की एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) नॉन-कंप्लायंस के कुछ अन्य मामलों के चलते कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। ED ने इस हफ्ते की शुरुआत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
ED की यह कार्रवाई RBI के पेटीएम की सब्सिडियरी कंपनी को 29 फरवरी से नए डिपॉजिट्स स्वीकार करने से रोक लगाने के कुछ दिनों बाद हुई है। हालांकि, अब RBI ने पेटीएम पेमेंट बैंक में डिपॉजिट और अन्य ट्रांजैक्शंस की डेडलाइन को 15 मार्च तक बढ़ा दिया है।
31 जनवरी को जारी सर्कुलर में RBI ने कहा था कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जा सकेगा। इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सर्विसेज, फास्टैग और दूसरी सर्विसेज में पैसा नहीं डाला जा सकेगा।
ED को कंपनी के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस की जांच करने का काम सौंपा गया था। ED फेमा और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत वॉयलेशन या क्राइम की जांच करता है।
इससे पहले, ED ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ RBI की कार्रवाई के बाद पेटीएम के सीनियर ऑफिसर्स से पूछताछ की थी और उनसे डॉक्यूमेंट्स हासिल किए थे। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि PPBL के मामले में कोई PMLA शेड्यूल ऑफेंस शामिल नहीं है। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच नहीं की जा सकती है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘अगर कोई अपराध नहीं हुआ है तो ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ का भी कोई जनरेशन नहीं होता है। इसलिए, PMLA लागू नहीं होता है। यही वजह है कि ED ने यह निर्धारित करने के लिए ट्रांजैक्शंस पर गौर किया कि क्या फेमा प्रोविजंस के तहत कोई उल्लंघन हुआ है।