हैदराबाद। हल्दी की खरीद में व्यापारियों एवं स्टॉकिस्टों की नियमित दिलचस्पी बनी हुई है जबकि इसका पिछला बकाया स्टॉक कम बचा है। अल नीनो की वजह से हल्दी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम हुई जबकि महराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में कीड़ों-रोगों के प्रकोप से भी फसल को नुकसान होने की आशंका है।
वर्ष 2023 में हल्दी की बिजाई देर से हुई। इसके क्षेत्रफल में कमी आई और फसल को क्षति पहुंचने की खबर भी आ रही है। लेकिन अप्रैल-नवम्बर 2023 के दौरान निर्यात प्रदर्शन कुछ कमजोर रहा।
उत्पादक और स्टॉकिस्ट अपने पुराने स्टॉक की निकासी कर रहे हैं। 2022-23 के सीजन में हल्दी का घरेलू उत्पादन 90-95 लाख बोरी के करीब पहुंच गया था।
अमरीका और यूरोपीय संघ में कीटनाशी अवशेष के सम्बन्ध में सख्त नियम बनाए जा रहे हैं जिससे भारत में निर्यात उद्देश्य के लिए अनुकूल क्वालिटी के माल की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।
वर्तमान समय में फसल की हालत औसत दर्जे की दिखाई पड़ रही है। हल्दी के उत्पादन में 20-25 प्रतिशत तक की गिरावट आने का अनुमान है जिससे कीमतों को समर्थन मिल सकता है।