बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए नैफेड पहली बार बाजार मूल्य पर खरीदेगी तुवर

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लातूर। बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए केन्द्रीय एजेंसी- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) ने इस बार प्रचलित बाजार मूल्य पर तुवर खरीदने का फैसला किया है।

इसके तहत नैफेड की ओर से मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) स्कीम के अंतर्गत एन ए एफ डी ए सी (नैफेड) ने लातूर (महाराष्ट्र) जिले में उप एजेंटों से तुवर की खरीद के लिए छह केन्द्रों को मंजूरी प्रदान की है।

जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि इस निर्णय से तुवर उत्पादकों को फायदा होगा क्योंकि नैफेड द्वारा अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर नहीं बल्कि थोक मंडियों में प्रचलित दाम पर तुवर की खरीद की जाएगी। पहली बार ऐसा हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन हेतु अरहर (तुवर) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि थोक बाजार में इसका भाव 9300-9700 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है।

ऐसी हालत में उत्पादक समर्थन मूल्य पर सरकार को अपना उत्पाद बेचने का प्रयास नहीं करेंगे। सरकार को बफर स्टॉक बढ़ाने की जरूरत है इसलिए उसने हालात को देखते हुए बाजार भाव पर तुवर खरीदने का निश्चय किया है।

जिला विपणन अधिकारी ने तुवर उत्पादकों से अभिस्वीकृत विपणन केन्द्रों पर पहुंच कर वहां चालू सीजन के ऑन लाइन सिकपेरा एक्सट्रैक्ट के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक खाते, आधार कार्ड तथा एक वैध मोबाइल नम्बर का रजिस्ट्रेशन (पंजीकरण) करवाने का आग्रह किया है।

ध्यान देने की बात है कि चालू वर्ष के दौरान महाराष्ट्र में तुवर के एक प्रमुख उत्पादक जिला- लातूर में न केवल सामान्य औसत से कम बारिश हुई बल्कि बीच-बीच में बेमौसमी वर्षा होने, ओलावृष्टि का प्रकोप रहने तथा रुक-रुक कर बौछार पड़ने से भी तुवर की फसल को नुकसान हुआ।

प्रतिकूल मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं से फसल को हुई क्षति से किसान काफी चिंतित और परेशान हैं। समीक्षकों ने चालू सीजन के दौरान लातूर सहित महाराष्ट्र के कुछ अन्य जिलों में तुवर का उत्पादन घटने की संभावना व्यक्त की है। मालूम हो कि देश में तुवर के उत्पादन में महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है और लातूर इसके कारोबार की प्रमुख मंडी है।