नई दिल्ली। चालू सीजन के दौरान उत्पादन अधिक होने के कारण लालमिर्च की कीमतों में धारणा मंदे की है। वर्तमान में गुंटूर मंडी में नए मालों की आवक 18 से 20 हजार बोरी की चल रही है जबकि खम्मम में आवक 4 से 5 हजार बोरी की हो रही है। वारंगल में भी नए मालों की आवक 800 से 1000 बोरी की हो रही है।
उत्पादक केन्द्रों पर मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है जिस कारण से उत्पादन बढ़ने के साथ क्वालिटी भी अच्छी आएगी। उत्पादक केन्द्रों पर नए मालों की आवक का दबाव जनवरी माह में बनेगा। सूत्रों का मानना है कि आवक का दबाव बनने पर गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी का भाव 200 रुपए बन जाना चाहिए। कमजोर मांग के कारण चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च के भाव 5 से 7 रुपए प्रति किलो मंदे के साथ बोले गए।
चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च की कीमतों में गिरावट रही। निर्यातक एवं लोकल मांग कम रही। लिवाल नए सूखे मालों की आवक बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश एवं तेलंगाना की मंडियों में नए मालों की आवक शुरू हो चुकी है लेकिन नमी की मात्रा अधिक होने के कारण लिवाल कम है। पुराना स्टॉक हल्का करने के लिए स्टॉकिस्टों में कोल्ड स्टोरेज के मालों की बिकवाली बढ़ा दी है। जिस कारण से गुंटूर मंडी में कोल्ड स्टोरेज के मालों की आवक 60 से 70 हजार बोरी की हो रही है।
लगातार दूसरे वर्ष भी आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च का उत्पादन बढ़ने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उत्पादकों को लालमिर्च के आकर्षक दाम मिलने के कारण दूसरे वर्ष भी लालमिर्च की बिजाई 20 से 25 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर की गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन लगभग 2 करोड़ बोरी के आसपास होने के समाचार है। जबकि गत वर्ष उत्पादन 1.60 से 1.70 करोड़ बोरी का रहा था। वर्ष 2022 में उत्पादन सवा करोड़ बोरी के आसपास रहा था।
तेलंगाना में गत दिनों हुई बारिश से फसलों को 10 से 15 प्रतिशत नुकसान के समाचार है लेकिन बिजाई का क्षेत्रफल बढ़ने के कारण उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगा। सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन में तेलंगाना में लालमिर्च का उत्पादन 75 से 80 लाख बोरी से अधिक होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। जबकि गत वर्ष उत्पादन 65 से 70 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 45 किलो) का रहा था।
जानकार सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश की मंडियों में लालमिर्च की आवक घटनी शुरू हो गई है। क्योंकि लगभग 70 से 75 प्रतिशत प्रतिशत माल मंडियों में आ चुका है। वर्तमान 20 से 25 प्रतिशत माल किसानों के पास हैजोकि बाजार में धीरे-धीरे आएगा। वर्तमान में बेडिया मंडी में लालमिर्च की आवक घटकर 6000/7000 बोरी की रह गई है जबकि गत दिनों सीजन पर आवक 15 से 16 हजार बोरी की चल रही थी। चालू सीजन के दौरान मध्य प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 40 से 45 लाख बोरी होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं।
वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में अधिक चल रहे है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 15 दिसम्बर को गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 220 रुपए चल रहा था जोकि वर्तमान में 230 रुपए चल रहा है। खम्मम मंडी में तेजा का भाव 225 रुपए बोला जा रहा जबकि गत वर्ष भाव 202 रुपए चल रहा था।
निर्यात अधिक: चालू वित्त वर्ष 2023-24 के प्रथम 6 माह में लालमिर्च के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2023 में लालमिर्च का निर्यात 258210.17 टन का हुआ है। जबकि गत वर्ष अप्रैल-सितम्बर 2022 में निर्यात 223683.32 टन का रहा था। वर्ष 2021-22 में लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 557143.98 टन का रहा था जबकि वर्ष 2022-23 में निर्यात 516184.94 टन का किया गया।