विवाह समारोह में परिजनों ने किया किन्नरों को आमंत्रित, उपहार में मिली राशि की स्वीकार

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किन्नर समाज की अभिनव पहल

कोटा। मांगलिक कार्यों में किन्नर समूह द्वारा उपहार लेने पहुंचने पर मनमानी के आरोपों के चलते एक नई पहल की गई है। कर्मयोगी सेवा संस्थान के सहयोग से नई शुरुआत की गई। किन्नर समूह की ओर से घोषणा की गई है यदि आयोजक स्वयं किन्नर समूह को आमंत्रित करेंगे तो स्वेच्छा से दी गई उपहार राशि को स्वीकार करेंगे और आशीर्वाद प्रदान करेंगे।

कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि विवाह समारोह एवं मांगलिक कार्यों में किन्नर समूह पहुंचकर अपना आशीर्वाद देते हैं। वे नगद राशि के रूप में नेग लेते हैं। जिस पर ट्रांसजेंडर्स पर मनमानी के आरोप लगते हैं।

ऐसे में किन्नर समुदाय के उत्थान को लेकर कार्यरत कर्मयोगी सेवा संस्थान ने नए कोटा क्षेत्र किन्नर प्रमुख रीना दीदी से संपर्क कर इसका हल निकालते हुए नई पहल की गई है। उन्होंने बताया कि यदि परिजन मांगलिक कार्यों के अवसर पर स्वेच्छा से आमंत्रित करते हुए स्वेच्छा से दिया गया नेग स्वीकार करें। जिस पर रीना दीदी ने स्वीकार करते हुए सहमति प्रदान कर दी।

रीना दीदी ने बताया कि यही तो समस्या है कि कोई अपनी इच्छा से किन्नर समुदाय को बुलाता ही नहीं है। परिवार की जानकारी प्राप्त करके उन तक पहुंचना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोग सम्मान सहित बुलाएंगे तो समस्त ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए गौरव की बात होगी।

इसी के अंतर्गत शनिवार को पहली बार सामाजिक संस्था ह्यूमन हेल्प लाइन के वीरेंद्र जैन आदिनाथ के पुत्र चिरंजीव नमन जैन के विवाह समारोह में रीना दीदी किन्नर, काजल किन्नर समूह को अग्रिम रूप से पहल करते हुए बधाई के लिए मांगलिक कार्यक्रम में बुलाया। जहां सभी का सम्मान करते हुए भेंट स्वरूप उपहार राशि प्रदान की गई।

ह्यूमन हैल्पलाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ द्वारा सभी परिजनों के साथ मिलकर किन्नर समूह का यथायोग्य सम्मान किया। जिससे किन्नर समुदाय बहुत ही खुश हुआ और उनके द्वारा दिए गए नजराने से संतुष्ट नजर आया। किन्नर रीना, काजल समेत एक दर्जन से अधिक ट्रांसजेंडर्स ने कहा कि ये पहला अवसर है जब हमें किसी परिवार ने निमंत्रण पत्र भेंट कर बुलावा भेजा। जिसका हम सम्मान करते हैं।

यदि समाज हमारा इसी तरह सहयोग करे तो हमे भी संबल मिलता रहेगा। किन्नर समूह ने वर वधू का आशीर्वाद प्रदान किया। कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी, अध्यक्ष अलका दुलारी जैन कर्मयोगी ने किन्नर समाज की इस पहल का स्वागत किया। अलका दुलारी ने कहा कि अन्य समूह को भी उसके लिए प्रेरित किया जाएगा। कोटा शहर में लगभग सात समूह कार्य कर रहे हैं।