Turmeric price: हल्दी की कीमतों में आगे भी तेजी का अनुमान, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। Turmeric price: हल्दी के भाव इन दिनों तेजी से चढ़ रहे है। इसकी वजह घरेलू और निर्यात मांग बढ़ना मानी जा रही है। जिंस विश्लेषकों का कहना है कि बीते दिनों हल्दी की नई आवक के दबाव में इसके भाव काफी लुढ़क गए थे और अब निचले स्तर पर मांग निकल रही है। जिससे यह महंगी हो रही है। जानकारों के मुताबिक हल्दी की कीमतों में आगे भी तेजी जारी रह सकती है।

कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर हल्दी के अप्रैल अनुबंध ने 6 जनवरी को 15,838 रुपये के भाव पर इस साल का उच्च स्तर बनाया था। इसके बाद नई आवक के दबाव में हल्दी के दाम गिरने शुरू हुए और इस अनुबंध ने इस महीने 10 मार्च को 11,138 रुपये के भाव पर साल का निचला स्तर छू लिया। इस निचले स्तर पर हल्दी की मांग निकलना शुरू हुई।

खबर लिखे जाने के समय इस अनुबंध के भाव बढ़कर 13,500 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रहे थे। जाहिर है इस साल के निचले स्तर से हल्दी के वायदा भाव करीब 21 फीसदी बढ़ चुके हैं। बीते तीन कारोबारी दिनों के दौरान हल्दी के वायदा भाव रोजाना 3 से 4 फीसदी चढ़ रहे हैं। आज भी खबर लिखे जाने के समय इसके भाव 3 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।

कमोडिटी विश्लेषक और एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड में सीनियर एसोसिएट्स (रिसर्च) रविशंकर पांडेय ने बताया कि हल्दी के भाव नीचे आने के बाद निर्यातक काफी सक्रिय हो गए हैं। निर्यातकों की ओर से हल्दी की मांग बढ़ रही है। इसके साथ ही स्थानीय खरीदार भी निचले भाव पर खरीद बढ़ा रहे हैं। इसी वजह से हल्दी की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।

कमोडिटी एक्सपर्ट और एग्रोकॉर्प इंटरनेशनल में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि असमय बारिश से हल्दी की फसल को नुकसान हुआ था। जिससे हल्दी के उत्पादन को लेकर चिंताएं बरकरार हैं। मंडियों में हल्दी की आवक भी कम हो रही है। जिंसों के दाम और आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक इस महीने एक से 21 मार्च के बीच मंडियों में करीब 25,900 टन हल्दी की आवक हुई है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा करीब 43,900 टन था। इस तरह हल्दी की आवक में करीब 41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

उत्पादन के बारे में पांडेय ने कहा कि सरकार ने इस साल उत्पादन 5 फीसदी बढ़कर 11.16 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। लेकिन कारोबारी अनुमान के मुताबिक इस साल उत्पादन बढ़ने की संभावना आवक में कमी देखकर नहीं लग रही है।

हल्दी के भाव में तेजी-मंदी का अनुमान
फरवरी-अप्रैल अवधि के दौरान निर्यात के लिए खरीद की जाती है। ऐसे में इस अवधि में निर्यातकों की मांग अच्छी रहने वाली है। साथ ही शादियों के लिए स्थानीय बाजार में हल्दी की मांग बढ़ सकती है। इन हालात में आगे हल्दी के भाव और तेज हो सकते हैं। अप्रैल महीने में हल्दी के वायदा भाव 15,000 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं। पॉल के मुताबिक आवक में कमी को देखते हुए हल्दी की कीमतों में आगे भी तेजी नजर आ रही है।