मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट सोसाइटी वालों के नखरे और जिद कहां तक जायज है?

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विवेक नन्दवाना एडवोकेट, कोटा
मल्टी स्टोरी या अपार्टमेंट में रहने वालों के लिए कुछ कानून हैं, जो जानना बहुत जरूरी हैं। मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट सोसाइटी वालों के नखरे और जिद के आगे वहां रहने वाले चुपचाप उनकी नाजायज मांगों को मानने को मजबूर हो जाते हैं। अगर आप अपने हक के प्रति जागरूक हैं तो कोई भी आपको नाजायज शर्तें मानने को बाध्य नहीं कर सकेगा। तो आइये जानते हैं क्या है नियम

    अपार्टमेंट स्वामी कौनसे कार्य नहीं कर सकेगा ?
    Apartment Laws in India: सम्पत्ति की मजबूती और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य नहीं कर सकेगा। सम्पत्ति का मूल्य कम हो जाए ऐसा कार्य भी नहीं किया जाएगा। सुखाधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य नहीं किया जाएगा। जनता के स्वास्थ्य या उसकी सुरक्षा को नुकसान करने वाला कोइ कार्य नहीं किया जाएगा।

    अपार्टमेंट स्वामियों के जिम्मे सामान्य खर्चे ?
    कॉमन यूज की सुविधाओं के खर्चे से अपार्टमेंट स्वामी इस कारण मुक्त नहीं होगा कि वह इनका उपयोग नहीं करता है। एक निश्चित अनुपात में प्रत्येक अपार्टमेंट के स्वामी को सामान्य उपयोग उपभोग की सुविधाओं का भुगतान करना होगा। ऐसे खर्च प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ाए जा सकेंगें।

    अपार्टमेंट स्वामी को सेवा से कब वंचित किया जा सकेगा?
    अन्य अपार्टमेंट स्वामियों के अधिकार पर बाधा डालने पर छह माह से अधिक अवधि से उसके द्वारा सामान्य व्यय की रकम का भुगतान नहीं करने पर। परन्तु इस वास्ते सोसाइटी द्वारा सात दिवस का नोटिस दिया जाकर सोसाइटी एक प्रस्ताव पारित करेगी और ऐसे प्रस्ताव की प्रति अपार्टमेंट स्वामी एवं सक्षम प्राधिकारी को रजिस्टर्ड डाक से प्रेषित की जाएगी और ऐसी सूचना को प्रेषित किए जाने के एक माह पूर्ण हो जाने पर। साथ ही ऐसे संकल्प को भवन के किसी सहजदृश्य स्थान पर भी सूचना लगाया जाएगा। व्यथित अपार्टमेंट स्वामी ऐसी कार्यवाही के विरूद्ध संकल्प की प्रति प्राप्ति से 15 दिवस में सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकेगा।

    विवाद की सुनवाई कौन कर सकता है ?
    मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की सोसाइटी एवं अपार्टमेंट के स्वामियों के मध्य विवाद की सुनवाई राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जाएगी। जिन शक्तियों का उपयोग सक्षम प्राधिकारी कर सकेगा उनका सिविल न्यायालय द्वारा उपयोग नहीं किया जाएगा। अर्थात् सिविल न्यायालय को ऐसे प्रकरण की सुनवाई का अधिकार नहीं होगा।

    प्रावधान का उल्लंघन करने पर जुर्माना
    यदि कोई सोसाइटी या अपार्टमेंट स्वामी राजस्थान अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम, 2015 के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करते हैं तो एक हजार ₹ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा और ऐसा उल्लंघन जारी रहता है तो प्रतिदिन एक सौ ₹ का जुर्माना लगाया जा सकेगा। विवेक नन्दवाना एडवोकेट कहते हैं कि कानून में अनेक किन्तु परन्तु होते हैं इसलिए विस्तृत जानकारी के लिए राजस्थान अपार्टमेंट स्वामित्व अधिनियम, 2015 एवं नियम 2020 दोनों को विस्तार ये पढ़ा जाना चाहिए। यह अत्यंत संक्षिप्त जानकारी है।