अनुकूलताओं में इतने रम नहीं जाए की छोटी सी प्रतिकूलता भी परेशान करें: ज्ञानानंद महाराज

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कोटा। अनुकूलताओं में इतने रम नहीं जाए की छोटी सी प्रतिकूलता परेशान करें। मन को बैलेंस बनाकर रखें, हम आज के समय में एसी (Air Conditioner) के बिना नहीं रह सकते, जरा सा भी पसीना आता है तो हम एयर कंडीशन में पहुंच जाते, हमें पसीना आना चाहिए।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता पर व्याख्यान में जीवन जीने के कई तरीके बताए। भारत विकास परिषद कोटा महानगर एवं जीओ गीता परिवार कोटा संभाग द्वारा एलन सौहार्द सभागार, सत्यार्थ परिसर जवाहर नगर कोटा पर गीता व्याख्यान के दौरान उन्होंने सृष्टि के दिन और रात, अनुकूलता और प्रतिकूलता पर अपनी बात कही।

उन्होंने कहा कि यदि रात नहीं होती तो हमारे में से कई लोग पागल हो जाते, जब सुबह होती है तो नई उर्जा, नई चेतना और नई सोच के साथ काम करते हैं। सृष्टि ने रात-दिन, अनुकूलता और प्रतिकूलताएं दोनों ही बनाई है। महाराज श्री ने कहा कि निंद्रा देवी का आना बहुत अच्छा होता है। भगवान ने जीवन में अनुकूलता दी है तो उसका शुक्रिया अदा करें। प्रतिकूलताएं तो भगवान श्री राम के जीवन में भी आई थी जब उनका राज्याभिषेक होना था, तब उन्हें वनवास मिल गया, कभी पिता की मृत्यु की खबर मिली तो कभी राक्षसों का सामना करना पड़ा।

हर परिस्थिति में मन की सत्ता को सुरक्षित रखना चाहिए
ज्ञानानंद जी महाराज कहा कि हर परिस्थिति में मन की सत्ता को सुरक्षित रखना चाहिए। अनुकूलता मिली है तो भगवान की कृपा मानकर उसका आनंद लें और प्रतिकूलताओं में अहंकार नहीं करें, नम्रता बढ़ाएं, विनम्रता से रहे। अनुकूलता में भी अहंकार नहीं जागना चाहिए। इस अवसर पर गीता के माध्यम से जीवन में सफलता पाने के कई गुणसूत्र भी बताएं।

जीओ गीता परिवार के संभागीय अध्यक्ष किशन पाठक ने बताया की महाराज श्री चंबलरिवर फ्रंट पर बने गीता घाट का भी अवलोकन करेंगे एवं शहर के प्रबुद्ध जनों के साथ एक बैठक का आयोजन शिव ज्योति कॉन्वेंट स्कूल श्रीनाथपुरम में आयोजित की जाएगी। जिसमें आगामी गीता जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की जाएगी।

18 श्लोकी सवा करोड़ गीता पाठ अभियान
उन्होंने बताया कि 23 जुलाई से 23 दिसंबर गीता जयंती तक संपूर्ण देश भर में 18 श्लोकी सवा करोड़ गीता पाठ अभियान चलाया जा रहा है। 18 श्लोकी गीता पाठ 18 श्लोक तक सीमित रखने हेतु नहीं अपितु इस माध्यम से संपूर्ण गीता को समझने-समझाने की प्रारंभिक पहल है।

इस कार्यक्रम में गीता सत्संग आश्रम समिति, बांके बिहारी मंदिर समिति रंगबाड़ी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पेंशनर समाज कोटा, श्री राम मंदिर प्रबंध समिति स्टेशन ,अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन, प्रभु प्रेमी संघ ,रोटरी क्लब कोटा ,रोटरी क्लब कोटा सेंट्रल, अंतर्राष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय सेवा समिति, राधा माधव मंदिर समिति कुन्हाडी, श्री बल्लभ वैष्णव सेवा समिति भी सहयोगी संस्थाओं की भूमिका में रहे।

इनकी रही भागीदारी
महानगर समन्वयक राजकुमार गुप्ता, महानगर सहसमन्वयक रवि प्रकाश विजय, जिओ गीता परिवार के सचिव वेद प्रकाश गुप्ता, कोषाध्यक्ष दिनेश जोशी, उपाध्यक्ष चन्दकांत खंडेलवाल, सह सचिव चिरोग भोला, गीता सत्संग आश्रम समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र खंडेलवाल, सचिव दीपक मेहता, उपाध्यक्ष कुन्ती मून्दड़ा, सचिव आर. पी. विजय, इंडियन मेडिकल ऐसोसीएशन के अध्यक्ष डॉ. अमित व्यास, सचिव डॉ. दर्शन गौतम, श्री वल्लभ वेष्णव सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी, सचिव गिर्राज खंडलेवाल, प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष सुनील गर्ग, सचिव चन्द्रशेखर शर्मा, रोटरी क्लब कोटा सेन्ट्रल अध्यक्ष सुनिता काबरा, सचिव प्रवण राज सिंह, रोटरी क्लब कोटा अध्यक्ष प्रीतम गोस्वामी, सचिव दीपक मेहता, राधा माधव सेवा समिति अध्यक्ष दिग्विजय शुक्ला, कोषाध्यक्ष संजय विजयवर्गीय, सचिव हरिनारायण बडोलिया राम मन्दिर प्रबंध समिति अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, उपाध्यक्ष हरिनारायण शुक्ला, सचिव परमानन्द शर्मा सहित शहर की कई संस्थाओं की भागीदारी रही।