भाजपा की अपेक्षा पर खरी नहीं उतर रही परिवर्तन संकल्प यात्रा

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महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम में गुरुवार को आयोजित जनसभा के दौरान खाली पड़ा पांडाल।
हाडोती अंचल में इस सप्ताह के शुरू से ही निकाली जा रही भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन संकल्प यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति का जवाब ना तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास था और ना ही गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा दे सके, जो कभी कांग्रेस के असम में चेहरा हुआ करते थे, लेकिन बाद में पार्टी बदल कर भाजपा में शामिल हो गए। वे सवाल का जवाब देने के बजाय भी पत्रकारों पर यह आरोप लगाने लगे कि वे भाजपा नेताओं से वह सवाल करते हैं, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुछवाना चाहते हैं।

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा।
Parivartan Sankalp Yatra BJP: राजस्थान के हाडोती अंचल में निकाली जा रही है परिवर्तन संकल्प यात्रा में भारतीय जनता दो मुख्यमंत्रियों को बुलाकर भी वह अपेक्षित भीड़ नहीं जुटा पाई जिसकी उम्मीद की जानी चाहिए। जबकि भारतीय जनता पार्टी ने इस परिवर्तन संकल्प यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रदेश नेताओं ने तो पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन स्थानीय नेताओं का सहयोग नहीं मिला।

वैसे अब तो हो भारतीय जनता पार्टी के नेता भी इस बात को स्वीकार करने लगे हैं कि परिवर्तन संकल्प यात्रा में अपेक्षित भीड़ जुट नहीं पा रही है लेकिन वे यह भी कहते हैं कि किसी कार्यक्रम की सफलता का पैमाना उस कार्यक्रम में मौजूद भीड़ नहीं हो सकती।

इस संदर्भ में गुरुवार को पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को परिवर्तन संकल्प यात्रा में भीड़ कम होने के बारे में कहना पड़ा कि-” किसी कार्यक्रम की सफलता का पैमाना कभी भी भीड़ की उपस्थिति नहीं हो सकती

क्योंकि यहां पार्टी टिकट देने के लिए नहीं आई है। यह टिकट के उम्मीदवारों की भीड़ नहीं है। वैसे भी हमारे पास आंगनबाड़ी, मनरेगा के श्रमिक नहीं है जिन्हें सरकार के दबाव में सरकारी कार्यक्रमों में भीड़ के रूप में जुटाया जाता है।

परिवर्तन यात्रा में जो लोग आ रहे हैं, वह वे लोग हैं जो इस सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करना चाहते हैं।” यहां तक कि झालावाड़ में निकाली गई परिवर्तन संकल्प यात्रा में वहां की इकलौती विधायक श्रीमती वसुंधरा राजे ही मौजूद नहीं थी, जो जिले से पांच बार सांसद और चार बार विधायक चुने जाने के बाद एक बार केन्द्रीय मंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस सवाल का जवाब देते नहीं बन रहा कि आखिरकार श्रीमती वसुंधरा राजे परिवर्तन संकल्प यात्रा की उपेक्षा क्यों कर रही है। जबकि ऐसा भी नहीं है कि वे पार्टी के अन्य राजनीतिक कार्यक्रम में व्यस्त हो। वे भी कल और आज भी नई दिल्ली में मौजूद थी और राजस्थान से गए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मिली।

श्रीमती वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी के सवाल का जवाब न बुधवार को उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दे सके थे, न ही गुरूवार को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के पास था। उन्होंने श्रीमती वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति के सवाल का सीधा जवाब देने के बजाय प्रत्यक्ष रूप से पत्रकारों पर ही यह आरोप चस्पा कर दिया कि वे वह सवाल करने की कोशिश करते हैं जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा के नेताओं से पूछना चाहते हैं।

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के इस जवाब पर पत्रकारों की खिल्ली उड़ाने की दौड़ में पत्रकार वार्ता में मौजूद वे स्थानीय नेता भी खिलखिला कर हंसने लगे, जिन्हें अभी यहीं रह कर राजनीति करनी है।

हेमंत विश्व सरमा श्रीमती वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति के सवाल का जवाब देने के बजाए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाओं का उपहास यह कहते हुए करने लगे कि चुनाव के तीन माह पहले वे योजनाएं लेकर आये हैं। जबकि वे जानते हैं कि इन योजनाओं को लागू करने के लिए बजट नहीं है।

अब भाजपा नेताओं की कोशिश यह है कि 25 सितम्बर को जयपुर में आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम सभा के समय श्रीमती वसुंधरा राजे मंच पर मौजूद रहें ताकि प्रदेश में पार्टी में एकता का संदेश दिया जा सके। हालांकि राजस्थान में जब सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर से परिवर्तन संकल्प यात्रा की शुरुआत की गई थी तो उस समय भी श्रीमती वसुंधरा राजे उपस्थित थी।

लेकिन वे हनुमानगढ़ जिले के गोगामेडी में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में शुरू की गई परिवर्तन संकल्प यात्रा में आखरी बार पार्टी के किसी कार्यक्रम में दिखाई दी थी। उसके बाद से वे दिल्ली चली गई और अभी तक दिल्ली में ही बनी हुई है।

हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि उनकी पुत्रवधू श्रीमती निहारिका सिंह के एक गंभीर रूप से अस्वस्थ होने के कारण उनका नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा है, जिसकी वजह से श्रीमती राजे दिल्ली में हैं। लेकिन निहारिका सिंह के पति झालावाड़ के सांसद दुष्यंत सिंह तो परिवर्तन संकल्प यात्रा में भाग लेने के लिए आए थे।

श्रीमती राजे ने गुरुवार को दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात की और राजनीतिक मसलों पर चर्चा भी की गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी भी गुरुवार को यह स्वीकार कर चुके हैं कि श्रीमती राजे दिल्ली में है और उनकी पार्टी नेताओं से टिकटों के बंटवारे के मसले पर चर्चा हो सकती है। यानी श्रीमती राजे राजस्थान में नहीं बल्कि दिल्ली में राजनीतिक चर्चाओं में व्यस्त हैं।