विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से सितंबर में अब तक 4200 करोड़ रुपये निकाले

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नई दिल्ली। FPI Inflow: लगातार छह महीने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) ने शेयर बाजार में निवेश किया। वह शुद्धे विक्रेता बने रहे। वहीं इस महीने 1 सितंबर 2023 से अब तक इन्होंने 4,200 करोड़ रुपये निकाले हैं। यह अब शुद्ध विक्रेता है। इसकी वजह अमेरिकी बांड पैदावार में बढ़ोतरी, मजबूत डॉलर और वैश्विक आर्थिक विकास पर चिंताओं को माना जा रहा है।

यस सिक्योरिटीज (इंडिया) लिमिटेड की मुख्य निवेश सलाहकार निताशा शंकर ने कहा आने वाले एक-दो हफ्ते में विदेशी पोर्टफोलियो ने शेयरों का आउटफ्लो जारी रह सकता है। ऐसे में रुपये में तेज उतार-चढ़ाव भी हो सकता है। इस पर नजर रखने की जरूरत है। यह एफपीआई प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अब तक यानी 8 सितंबर तक 4,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। वहीं, पिछले महीने एफपीआई निवेश चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था। यह 12,262 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। एफपीआई छह महीने यानी मार्च से अगस्त तक लगातार भारतीय इक्विटी खरीद रहे थे। इस अवधि के दौरान 1.74 लाख करोड़ रुपये का शेयर खरीदा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहासितंबर में एफपीआई आंकड़ों के रुझान में बदलाव की वजह बढ़ती अमेरिकी बांड पैदावार और डॉलर इंडेक्स में तेजी है। इसके आगे वह कहते हैं कि जब डॉलर इंडेक्स और अमेरिकी बॉन्ड की पैदावार में गिरावट आती है, तो एफपीआई के खरीदार बनने की उम्मीद की जा सकती है, जो बदले में, आने वाले अमेरिकी मुद्रास्फीति और विकास के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।

एफपीआई ने कितना किया निवेश
एफपीआई ने डेट मार्केट में 643 करोड़ रुपये का निवेश किया। वहीं, इस साल अभी तक उन्होंने 1.31 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहीं, डेट मार्केट में लगभग 28,825 करोड़ रुपये तक का निवेश किया है।एफपीआई लगातार पूंजीगत सामान और बिजली खरीद रहे हैं। वित्तीय क्षेत्र में एफपीआई की बिकवाली से बैंकिंग ब्लू चिप्स की कीमतें कम रह रही हैं।