मरीज की मौत में चिकित्सा प्रशासन की लापरवाही पर पर्दादारी!

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-कृष्ण बलदेव हाडा –
राजस्थान में कोटा के मेडिकल कॉलेज (Medical College) के संलग्न चिकित्सालय की शल्य आपात चिकित्सा इकाई में गुरूवार को एक युवक वैभव शर्मा (32) की डिफ़िब्रिलेटर (डीसी) शॉक दिए जाने के दौरान मास्क में आग लग जाने के मामले में कोटा का चिकित्सा प्रशासन अभी तक अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल साबित हुआ है।

मेडिकल कॉलेज के संलग्न चिकित्सालय में गुरुवार को हुई मरीज की मौत का यह मामला असाधारण किस्म की घटनाओं में से एक है। चिकित्सक इसे लापरवाही नहीं बल्कि एक दुर्घटना मान कर इस मामले पर पर्दा लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

यहां तक कि यह भी साबित करने की कोशिश की जा रही है कि मरीज वैभव शर्मा की बर्न इंजरी तो उसके दम तोड़ने के पहले की है। बर्न इंजरी (burn injury) को पैरीमॉर्टम बताया जा रहा है यानि चिकित्सा विभाग यह साबित करने की कोशिश में लगा हुआ है कि मरीज की मौत तो उसे डिफ़िब्रिलेटर (डीसी) (Defibrillator DC) शॉक दिए जाने के पहले ही आपात चिकित्सा इकाई में हो चुकी थी। उसे डिफ़िब्रिलेटर (Defibrillator DC) शॉक तो उसमें जान फूंकने की अंतिम कोशिश के रूप में दिया गया था।

यह मामला बुधवार को राजस्थान विधानसभा में जोरशोर से उठा और इस मामले में कोटा के मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि अस्पताल प्रशासन अपने स्टाफ की लापरवाही को छुपाने की कोशिश कर रहा है।

स्टाफ की लापरवाही का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि जिस समय मरीज वैभव शर्मा को डिफ़िब्रिलेटर (डीसी) शॉक दिया गया तब अचानक उठी चिंगारी ने आग पकड़ ली तो वहां मौजूद नर्सिंग स्टाफ मौके से भाग गया। इस बात की तस्दीक वहां मौजूद मृतक मरीज वैभव शर्मा के भाई ने भी की है।

इसके विपरीत अस्पताल ने शुरुआती जांच में यह दावा किया गया है कि मरीज के मास्क में आग लगने के बाद स्टाफ वहां से भागा नहीं बल्कि वहां मौजूद कर्मचारी ने तत्परता बरतते हुए न केवल मास्क में लगी आग बुझाई बल्कि पैनल की ऑक्सीजन को भी बंद किया, ताकि आग का कहीं विस्तार ना हो। जिस समय यह घटना हुई थी, उस समय मौके पर तीन रेजीड़ेंट डॉक्टर और दो नर्सिंग कर्मियों सहित अन्य चिकित्सा कर्मी भी मौजूद थे।

मरीज वैभव शर्मा की मौत के बाद अस्पताल की मोर्चरी के बाहर मृतक के भाई की ओर से मीडिया के समक्ष घटना के बाद चिकित्साकर्मियों के मौके से भाग जाने का आरोप लगाए जाने का कोई जिक्र तक नहीं किया जा रहा है।

राजस्थान में कोटा (दक्षिण) से भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल में कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज वैभव शर्मा की चिकित्सालय प्रशासन की कथित लापरवाही से हुई मृत्यु का मामला उठाया और इस हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की मांग की।

विधायक संदीप शर्मा के कोटा कार्यालय की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार बुधवार को विधानसभा में श्री शर्मा ने कहा कि कोटा के नये संलग्न अस्पताल में भर्ती 30 वर्षीय युवक की ऑक्सीजन के मास्क में आग लग जाने से मृत्यु हो गयी जो एक गंभीर घटना है।

विधायक ने कहा कि ऐसी गंभीर घटना होने के बाद भी आज तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गयी। प्रशासन ने चिकित्सालय में अभी तक इस लापरवाही के लिये किसी को जिम्मेदार नहीं बनाया। इस घोर लापरवाही से नवयुवक का परिवार तबाह हो गया। इतनी बड़ी लापरवाही बहुत बड़ा हादसा हुआ है पर अस्पताल प्रशासन आज भी लापरवाह है।

विधायक ने कहा कि चिकित्सालय प्रशासन जिम्मेदार तरीके से कार्य नहीं कर रहा है। आये दिन चिकित्सालय में घटनाएं होती रहती है, परन्तु चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही के कारण वैभव शर्मा की मृत्यु हुई। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में भी चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों को अकारण मौत का सामना करना पडा। लोग को कुप्रबंध के चलते लोग इलाज के लिये भटकते रहे।

चिकित्सालय परिसर में पर्याप्त गंदगी के ढेर पडे हैं। कई बार भाजपा कार्यकर्ताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी चिकित्सा व्यवस्था सुधार करने के लिये प्रशासन सें मुलाकात की परन्तु चिकित्सालय प्रशासन द्वारा आज तक चिकित्सालय व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो पाई। सरकार द्वारा प्रदेश की इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आज तक भी संज्ञान नहीं लिया गया न ही मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी गई।

श्री शर्मा ने सदन में मांग की कि सरकार इस घटना का संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच कमेटी बना कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कर चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करे और सरकार द्वारा मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाये।