इस महीने अगले दो हफ्तों तक बरसात का सिलसिला जारी रहेगा

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नई दिल्ली। #Rain Alert: शुरुआती दौर में देरी और सुस्ती के बाद अब मॉनसून ने रफ्तार पकड़ ली है। इसके चलते जहां करीब 12 दिन पहले बारिश में 30 फीसदी की कमी थी, वहीं अब यह घटकर महज 5 फीसदी रह गई है।

खास बात यह है कि पिछले कुछ दिनों में हुई बरसात देश के लगभग सभी हिस्सों में हुई है। इसमें मध्य और दक्षिणी भारत के हिस्से भी शामिल हैं, जहां बेहद कम बरसात हुई थी। मौसम विभाग के मुताबिक अभी अगले दो हफ्तों तक बरसात का यह सिलसिला जारी रहेगा।

इन सबके बावजूद अभी भी बारिश में कमी का आंकड़ा बना हुआ है। गुरुवार तक देश के 36 में से 16 मीट्रियोलॉजिकल सब-डिवीजन्स ने कम बरसात दर्ज की है। यह एक जून को मॉनसून शुरू होने के बाद से 20 फीसदी या इससे कम है। जिन क्षेत्रों में कम बारिश हुई है, उनमें केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र (तटीय इलाकों को छोड़कर), तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार और बंगाल में मैदानी इलाके शामिल हैं।

आईएमडी चीफ मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि अभी के रुझान के हिसाब से जुलाई में तेज बारिश जारी रहने का अनुमान है। यह 94 से 106 फीसदी के उच्च स्तर पर रह सकती है। इसके अलावा अगले दो हफ्तों तक मॉनसून के सक्रिय रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अभी तक मध्य भारत में बरसात का सिलसिला चल रहा था।

8 जुलाई के बाद इसके गंगा के मैदानी इलाकों की तरफ बढ़ने का अनुमान है। फिर 12 जुलाई के बाद मॉनसून फिर दक्षिण की तरफ बढ़ सकता है। इसके चलते मध्य भारत में मौसम नर्म रहेगा। इसके बाद 16 जुलाई के आसपास निम्न दबाव का सिस्टम बन सकता है। अगर ऐसा होता है तो मध्य भारत में एक बार फिर बरसात हो सकती है।

जुलाई में अच्छी बरसात खेती के लिहाज से बेहद जरूरी है। यही वह महीना है जब खरीफ फसल की ज्यादातर बुवाई हो जाती है। इस साल अल नीनो को देखते हुए भी जुलाई की बारिश को काफी अहम माना जा रहा है। अल-नीनो के चलते अगस्त-सितंबर में आने वाले मॉनसून के दूसरे हिस्से पर असर पड़ने की आशंका है।

आईएमडी चीफ मोहपात्रा ने बताया कि आमतौर पर अल-नीनो के चलते बाकी सीजन में मॉनसूनी बारिश में कमी आती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में हालात कैसे बनते हैं। दुनिया भर में अल नीनो, समु्द्र में बढ़ने वाली गर्मी के अनुपात में मौसम पर असर डालना शुरू करता है।