किसी भी देश और चरित्र का निर्माण आचार्य के हाथों में: साबू

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विद्या भारती का शिक्षक प्रशिक्षण शिविर

कोटा। महावीर नगर तृतीय स्थित स्वामी विवेकानंद विद्यालय में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सचिन झा ने बताया कि ईर्ष्या व्यक्ति विकास में एक तत्व ऐसा है, जो हमें आगे बढ़ने से रोकता है। आज की जो ईर्ष्या है वह ज्यादा घातक है। ईर्ष्या का सामना करने के लिए उसे समझना है। ईर्ष्या हमारे चेहरे पर एक तमाचा है। ईर्ष्या एक धोखा है। क्योंकि व्यक्ति की परिस्थिति हमेशा बदलती रहती है।

ईर्ष्या की दूसरी विशेषता डिफरेंस मेकैनिज्म हम एक को या चार लोगों से ईर्ष्या कर सकती है। ईर्ष्या कभी मूल रूप में नहीं आती है। हमेशा मिलावटी रूप में आती है। अगर मिलावटी रूप में आती है तो ईर्ष्या घातक होती है। उदाहरण दुर्योधन को पांडवों से ईर्ष्या थी। अगर दुर्योधन पांडवों को पांच गांव दे देता तो उसे पांडवों से ईर्ष्या नहीं होती। ईर्ष्या एक सच्चे सोचने वाले व्यक्ति के दिमाग को भी भ्रष्ट कर सकती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विपुल साबु ने कहा कि गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर है। किसी भी देश और चरित्र का निर्माण आचार्य के हाथों में है। देश का निर्माण वहां के आचार्य ही कर सकते हैं।

जिला सचिव सतीश कुमार गौतम ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सचिन जी झा (निदेशक एसएस प्राइवेट लिमिटेड) कार्यक्रम के अध्यक्ष विपुल साबू (निदेशक- शिव वेजप्रो प्राइवेट लिमिटेड रानपुर ) रहे जिनका भारत का एकमात्र सोया आइसोलेटेड प्लांट है, जिसमें प्रोडक्ट के रूप में 90% प्रोटीन रिकवर किया जा सकता है। एशिया में ऐसा दूसरा प्लांट केवल चाइना में है। विशिष्ट अतिथि विमल कुमार जैन (मंत्री विद्या भारती) रहे।

मंच का परिचय व स्वागत विनोद श्रीवास्तव प्रधानाचार्य छावनी कोटा ने करवाया। स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. महेश जी शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण वर्ग में की जाति धर्म से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। सभी जाति के लोगों के साथ मिलकर भोजन करना चाहिए। सभी त्योहार आपस में सभी जाति के लोगों को मिलकर मनाने चाहिए। प्रशिक्षणार्थी प्रियंका शर्मा,,सतीश कुमार गौतम, दिलीप शर्मा, बालकृष्ण सुमन, महेश शर्मा आदि द्वारा आधारभूत विषय, आदर्श पाठ, सामाजिक समरसता, इंग्लिश स्पोकन आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।