राजस्थान में 23 पुरानी हवाई पट्टियों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जायेगा

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जयपुर। राजस्थान सरकार प्रदेश की 23 पुरानी हवाई पट्टियों को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित करने की योजना बना रही हैं। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि कार्य पूरा होने के बाद इन हवाई पट्टियों पर चार्टर्ड और छोटी उड़ानें उतर सकेंगी।

जयपुर के लग्जरी हेरिटेज होटल में आयोजित जी-20 टूरिज्म एक्सपो को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री ने सभी प्रतिभागियों से राजस्थान पर्यटन के राजदूत के रूप में वापस जाने का आह्वान किया।

पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन और नेतृत्व में 23 पुरानी हवाई पट्टियों को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित करने की तैयारी की जा रही हैं। यहां से चार्टर्ड फ्लाइट लिंकेज सीधे प्रदान किया जा सकता है।

बता दें कि विश्वेंद्र के पास राज्य मंत्रिमंडल में नागरिक उड्डयन का पोर्टफोलियो भी है। उन्होंने किशनगढ़ हवाईअड्डे का उदाहरण देते हुए कहा कि इस हवाईअड्डे पर उड़ानें शुरू होने के बाद मुख्य हवाईअड्डे से काफी भीड़ डायवर्ट हो गई है। अजमेर या जियारत के लिए जाने वाले लोग किशनगढ़ हवाई अड्डे का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पर्यटन किसी भी पार्टी से संबंधित नहीं है चाहे वह कांग्रेस या भाजपा हो। उन्होंने आग्रह किया कि केंद्र से राज्य को कोई फंड आना हो, तो इसे तेजी से जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले मंजूर की गई नई राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना में कई तत्व हैं, जिन्हें कई राज्य कॉपी करना चाहते हैं। राजस्थान कैबिनेट ने नवंबर में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के लिए राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना 2022 को मंजूरी दी थी।

यह योजना गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करेगी और ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाइयों, शिविर स्थलों और कारवां पार्कों की स्थापना करके हस्तशिल्प उद्योग को भी बढ़ावा देगी। साथ ही यह योजना देशी-विदेशी पर्यटकों को राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से परिचित कराएगी। पर्यटन नीति बहुत सारे रोजगार पैदा करेगी और लोककथाओं, ग्रामीण परिदृश्य, वन्य जीवन, सांस्कृतिक और विरासत स्थलों पर ध्यान केंद्रित करेगी।