जीरा के भाव ने तोड़े तेजी के रिकॉर्ड, भाव 61000 रुपये क्विंटल पर जा पहुंचा

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कोटा। जीरा इस बार किसानों के लिए मुनाफे के खेती साबित हो रहा है। इसका भाव एक साल में 25000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 61000 रुपये पर पहुंच गया है। इसमें सबसे अधिक उछाल के आठ दिन में आया है। बाजार के जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी भारी मांग के चलते जीरे की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

कब-कब बढे भाव: चार अप्रैल को मंडी में 37000 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला जीरा 12 अप्रैल को 61000 रुपये पर पहुंच गया। जानकार भी जीरे की कीमतों में उछाल से चकित हैं। उनका कहना है कि इससे पहले जीरे का रेट इतना अधिक कभी नहीं हुआ है। मंडी व्यापारियों के मुताबिक उच्च क्वॉलिटी का जीरा 50000 रुपये क्विंटल बिक रहा है तो न्यूनतम क्वॉलिटी के जीरे की कीमत 36000 रुपये क्विंटल है। जीरा पिछले साल 18000 से 20000 रुपये प्रति क्विंटल था। एक बार 25000 तक भी पहुंचा, लेकिन एक ही साल में यह करीब-करीब दोगुना हो गया।

दो दिन में 20000 रुपये की छलांग: 4 अप्रैल 2023 को जीरा 37,000 रुपये प्रति क्विंटल था। पांच अप्रैल को 2000 महंगा होकर 39,000 रुपये पर पहुंच गया। मंडी में 6 अप्रैल को जीरा 40,000 और सात अप्रैल को 41,000 रुपये पर पहुंचा। इसके बाद 10 अप्रैल को लंबी छलांग लगाते हुए 50,000 और 12 अप्रैल को 61000 पर पहुंच गया।

जीरे की कीमतों में तेजी के प्रमुख कारण

  • विदेशों में मौसम की मार ने जीरे को बहुत नुकसान पहुंचाया है। टर्की-सीरिया में बेमौसम बारिश की वजह से बड़े पैमाने पर जीरा की फसल खराब हो गई।
  • देश में हुई बेमौसम बारिश से भी 20 से 30 फीसदी जीरे की फसल को नुकसान हुआ है।
  • फसल कमजोर होने से सप्लाई घटी तो वैश्विक और घरेलू बाजार में जीरे की डिमांड बढ़ गई है। डिमांड बढ़ी तो दाम भी बढ़े।
  • जीरे की डिमांड बढ़ने से NCDX में भी लगातार जीरे में तेजी चल रही है।