उमेश पाल अपहरण केस में अतीक सहित 3 आरोपियों को उम्रकैद की सजा

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प्रयागराज। Umesh Pal Kidnapping Case: उमेश पाल (Umesh Pal) की किडनैपिंग के 17 साल पुराने केस में आज कोर्ट ने अतीक अहमद, दिनेश पासी और हनीफ को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया को उम्रकैद की सजा दी है।

2006 में हुए केस के अतीक सहित 3 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं उसके भाई अशरफ (Ashraf) सहित 7 को दोषमुक्त करार दिया गया है। अतीक और उसका भाई सजा सुनते ही रोने लगे। कोर्ट ने तीनों दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

उमेश पाल के परिवार ने कोर्ट से माफिया अतीक के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की है। कोर्ट ने अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को दोषी करार दिया है।

उमेश पाल और उनके सुरक्षा कर्मियों की पिछले महीने 24 फरवरी को प्रयागराज में बदमाशों ने गोली और बम मारकर हत्‍या कर दी थी। उमेश पाल विधायक राजू पाल की हत्‍या के मामले में गवाह थे। उनसे गवाही बदलवाने के लिए अतीक ने 17 साल पहले 28 फरवरी 2006 को अतीक और उसके गुर्गों ने उमेश पाल का अपहरण कर लिया था।

उन्‍हें अपने दफ्तर ले जाकर टार्चर किया और फिर जबरदस्‍ती हलफनामा दिलवाकर गवाही बदलवा दी। आज उमेश के साथ अतीक के गुनाहों का पहला इंसाफ हो गया है। एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने अतीक समेत कुल 3 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार दिया है।

मामले में अतीक का भाई अशरफ सहित कुल 11 आरोपी थे जिनमें से एक की मौत हो चुकी हैै। मामले में अशरफ समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि फैसला सुनाए जाने के वक्‍त अतीक अपने भाई अशरफ से गले मिलकर रोने लगा।

अतीक, पूर्व पार्षद दिनेश पासी और सौलत खान एडवोकेट को दोषी करार दिया गया है। 10 में से तीन आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

उमेश पाल पर अतीक के जुल्‍मों की कहानी कितनी खौफनाक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2006 में जब उनका अपहरण हुआ तो एक साल तक वह अतीक के खिलाफ केस ही नहीं दर्ज करा पाए।

अतीक के खिलाफ केस दर्ज हुआ यूपी की सत्‍ता में बसपा के आने और सुश्री मायावती के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद। उमेश ने 5 जुलाई 2007 को अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ केस दर्ज कराया। उमेश ने इन पर अपहरण कर अपने दफ्तर में ले जाने, बंधक बनाने, जबरन हलफनामा तैयार कराने और गवाही दिलाने का आरोप लगाया था।

टार्चर रूम में बनाया था बंधक
पुलिस का मामना है कि अतीक ने उमेश को किडनैप करने के बाद अपने दफ्तर के टार्चर रूम में बंधक बनाया था। वहीं उमेश की बेरहमी से पिटाई की गई थी और जबरन उससे हलफनामा लिया गया कि राजू पाल हत्‍याकांड में वह मौके पर नहीं था। हलफनामे के साथ अतीक के करीबियों ने उमेश पाल को ले जाकर कोर्ट में पेश किया जहां उसने गवाही दी थी कि हलफनामा वह अपने होशोहवास में लगा रहा है। उमेश ने अतीक के डर से गवाही दे दी थी कि वह राजू पाल हत्‍याकांड के वक्‍त मौके पर नहीं था। इसके बाद उमेश को अतीक के गुर्गों ने छोड़ दिया।