केंद्र सरकार का पाम ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार

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नई दिल्ली। खाद्य तेलों का विश्व का सबसे बड़ा आयातक भारत पाम ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रहा है। सरकार और उद्योग से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि इसका मकसद घरेलू तिलहन की कीमतों में गिरावट को रोकना और स्थानीय किसानो की मदद करना है।

पाम ऑयल पर कर बढ़ाने से स्थानीय कीमत में तेजी आ सकती है, जिससे यह सोया तेल और सूरजमुखी के तेल से कम प्रतिस्पर्धी रह जाएगा। एक अधिकारी ने नियमों का हवाला देकर अपना नाम सार्वजनिक किए जाने से मना करते हुए कहा, ‘हमने तिलहन की कीमत को समर्थन करने के लिए पाम ऑयल पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है।’

अधिकारी ने कहा, ‘नए सीजन में तिलहन की आपूर्ति ज्यादा होने की वजह से कीमत पर दबाव बढ़ा है और कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गई है।’अगर किसी उत्पाद की कीमत एमएसपी से नीचे आती है तो सामान्यतया सरकार किसानों की सुरक्षा के लिए कीमतें बढ़ाने की कवायद करती है।

हाजिर बाजार में सरसों की कीमत करीब 5,000 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सरकार द्वारा तय एमएसपी 5,450 रुपये प्रति 100 किलो है।