कोटा जिले में होली पर नहरों में नहाना पड़ सकता है महंगा

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। राजस्थान के कोटा जिले में दो दिवसीय होली का महोत्सव पर होली खेलते हुए रंगों से सराबोर होकर बाद में नहरों पर नहाने जाना अब महंगा पड़ सकता है।

कोटा के जिला मजिस्ट्रेट ओपी बुनकर ने आज जिले के कोटा (शहर) और कोटा (ग्रामीण) पुलिस अधीक्षकों को एक हिदायत जारी करते हुए कहा है कि होली पर युवाओं को नहरों में नहाने से रोकने के लिए आवश्यक होने पर कानूनी कार्रवाई करें।

इस आदेश में जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि पिछले साल भी होली के मौके पर नहरों में नहाते समय लोगों के पानी में डूब जाने की घटना हुई थी। इन घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही लोगों को नहाने के लिए नहरों पर जाने से रोकने के कदम उठाए जाने चाहिए।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि कोटा बैराज की दोनों मुख्य नहरों पर आने से रोकने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाये जाए और इसके लिए पुलिस आवश्यक होने पर कानूनी कार्रवाई करे। साथ ही नहरों पर गश्त लगाना सुनिश्चित किया जाए।

जिला मजिस्ट्रेट में सिंचित क्षेत्र विकास विभाग (सीएड़ी) के अधीक्षण अभियंता और दांई-बाईं मुख्य नहरों के अधीक्षण अभियंताओं को एक पत्र भेजकर नहरी क्षेत्रों में युवाओं के होली के दिन नहानें को नहरों पर आने से रोकने और उन्हें दुर्घटनाओं की चेतावनी देने के लिए आज ही नोटिस बॉर्ड़ लगाने के लिये कहा है।

इस पत्र में कहा गया है कि होली के पर्व पर कई लोग तैरना नहीं जानने और अन्य जोखिम होने के बावजूद नहरों पर स्नान करने जाते हैं। गत वर्ष भी नहरों एवं इनकी वितरिकाओं पर युवाओं के स्नान किए जाने पर पानी के बहाव, फ़िसलन,तैरना नही जानने के बावजूद जानबूझकर स्नान करने के प्रयास के दौरान कई युवाओं की मौत से हुई है।

एक ओर जहां ऐसी दुर्घटनाओं से युवाओं की मौत से उनके परिवारों पर घोर वज्रपात हुआ है। वहीं उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को तलाश करने में पुलिस, एसडीआरएफ, नगर निगम के बचाव दलों को जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ता है।

शवों के मिलने में विलम्ब होने पर कानून व्यवस्था की स्थिति पर प्रतिकूल असर की आशंकाएं बनती है। जिला मजिस्ट्रेट ने ऐसे हादसों के लिए पूर्व में ही युवाओं को चेतावनी देने के लिए उन पर रोक लगाई जाना सुनिश्चित करने के लिए बॉर्ड़ लगाने के निर्देश दिए हैं।