नई तकनीकी अपनाकर उद्यमी रियायती दरों पर उद्योग संचालित करें: डॉ. रजनीश

0
338

कोटा। दी एसएसआई एसोसियेशन की ओर से एमएसएमई औद्योगिक प्रदर्शनी एवं उद्योग मेले के पहले दिन शनिवार को ओपन हाउस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उद्यमियों ने एमएसएमई उद्योग मंत्रालय में आ रही समस्याओं से अतिरिक्त सचिव को अवगत कराया।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने एमएसएमई उद्योग के संचालन में आ रही परेशानियों के संबंध में बताया कि एमएसएमई उद्योग में निवेश एवं टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई विक्रेताओं को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम वर्गीकरण किया गया है।

टर्न ओवर में बदलाव के साथ श्रेणी में भी बदलाव होता है, जो एमएसएमई विक्रेता के लिए समस्या पैदा करता है। अतः एमएसएमई टर्न ओवर की वृद्धि के बाद उसी श्रेणी को बनाए रखा जाना चाहिए। एमएसएमई में दी छूट किसी भी श्रेणी में आने पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए। साथ ही MSME मे 15 दिन के भीतर भुगतान न होने पर आयकर में व्यय की अनुमति नहीं दी जाती है, इस बिल की तारीख से 45 दिन किया जाना चाहिए ।

कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि एमएसएमई पंजीकरण को सरल बनाने की जरूरत है। वर्तमान में नवीनीकरण और महंगा हो गया है। अतः नवीनीकरण में छूट दी जानी चाहिए और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सभी सरकारी एजेंसियों को इसकी मान्यता दी जानी चाहिए।

एमएसएमई की शिकायतों के निवारण हेतु एकल मंच की शुरुआत की जानी चाहिए। इसमें बैंक लोकपाल जैसे प्रणाली होनी चाहिए। एमएसएमई इकाइयों के लिए 50 श्रमिकों तक रोजगार के लिए संकलन प्रणाली होनी चाहिए। इससे उद्योगों के विकास में मदद मिलेगी और अधिक रोजगार मिलेंगे। प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को दिए जा रहे टैक्स बेनिफिट पार्टनरशिप उद्योग को भी दिए जाने चाहिए।

माहेश्वरी ने रहा कि नियमों की जटिलताओं की वजह से एवं सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन नहीं मिलने की वजह से हम अन्य देशों से औद्योगिक प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। आज चाइना हमारे से आधी कीमतों पर कई वस्तुएं उपलब्ध करा देता है और हमें चाइना से प्रतिस्पर्धा करनी है।

यहां के एमएसएमई सेक्टर को और मजबूत बनाने के लिए सरकारी पाबंदियों को हटाना और सरकारी स्तर पर उद्योगों को प्रोत्साहन करना होगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार जैन और निर्वाचित अध्यक्ष अमित सिंघल ने कहा कि क्लस्टर योजना अत्यधिक प्रशंसनीय है, लेकिन विभिन्न प्रकार के एमएसएमई के लिए ऐसी योजनाएं बनाकर इसको व्यवहारिक बनाया जाना चाहिए।

एमएसएमई के लिए कम ब्याज पर ऋण दिया जाना चाहिए। एमएसएमई के लिए प्रदूषण नियंत्रण अनुमति शुल्क को कम किया जाना चाहिए। इसके अनुमोदन को भी सरल प्रक्रिया के तहत बनाना चाहिए।

पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र कुमार जैन ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की नियमित आपूर्ति न होने एवं बिजली कनेक्शन महंगे होने के कारण वहां पर औद्योगिक विकास काफी पिछड़ रहा है। उद्यमी केपी सिंह ने कहा कि कंप्यूटर शिक्षा को मान्यता देने वाला कोई नहीं है, जबकि यह सेक्टर आज देश का सबसे बड़ा सेक्टर बन चुका है एवं सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर के बिना कार्य अधूरा है। अतः इसको मान्यता दिया जाना चाहिए

सभी उद्यमियों की समस्याओं को सुनने के पश्चात एमएसएमई मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डॉ. रजनीश ने कहा कि उद्यमियों द्वारा जो समस्याएं उठाई गई हैं, वह विचारणीय है। हम चाहते हैं कि उद्यमी नई तकनीकी को अपना कर उद्योग लगाए। जिससे पर्यावरण भी कम होगा और उत्पादन भी बढ़ेगा।

अब वह समय गया जब कोयला एवं अन्य संसाधनों से उद्योग चलाए जाते थे। इस बजट में MSME के लिए काफी राहत की घोषणा की गई है। एमएसएमई में समय पर भुगतान नहीं करने वाले के लिए भी नियम बना दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि क्लस्टर योजना बहुत ही अच्छी योजना है। उद्यमियो को इसका फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना की पूरी जानकारी देने के लिए विभाग कटिबद्ध है।