अप्रैल से बदल जाएगा सोना एवं ज्वैलरी खरीदने का नियम, जानिए नया आदेश

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नई दिल्ली। Gold Hallmarking: सोना और ज्वैलरी खरीदने का नियम एक अप्रैल से बदल जाएगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि 31 मार्च 2023 के बाद बिना हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) वाले सोने के गहने (Gold Jewellery) और सोने की कलाकृतियां नहीं बिक सकेंगे। उपभोक्ता मामले के विभाग ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच चार डिजिट और छह डिजिट हॉलमार्किंग को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए यह अहम फैसला लिया गया है।

नए नियम लागू होने के बाद एक अप्रैल 2023 से सिर्फ छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग (Alphanumeric Hallmarking) ही मान्य होंगे। इसके बिना सोना और सोने के आभूषण नहीं बिकेंगे। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का उपभोक्ताओं के हित में यह अहम फैसला है। साथ ही चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग (Hallmarking) पूरी तरह बंद हो जाएगी।

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि एक अप्रैल से सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री छह अंकों के अल्फान्यूमेरिक एचयूआईडी (हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या) के बिना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि सरकार ने सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने के लिए करीब डेढ़ साल पहले कवायद शुरू की थी।

खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की गतिविधियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गोयल ने बीआईएस को देश में परीक्षण के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का निर्देश दिया। उपभोक्ता सुरक्षा के लिए उपयोग किए जाने वाले घटकों की गंभीरता के आधार पर बीआईएस को उत्पाद परीक्षण और बाजार निगरानी की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कहा गया था कि बीआईएस को प्रयोगशाला निरीक्षण की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ानी चाहिए।

उत्पाद सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीआईएस को प्रेशर कुकर, हेलमेट और अन्य उपभोक्ता उत्पादों जैसे विभिन्न उत्पादों के लिए बाजार निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। बीआईएस ने आने वाले समय में 663 उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) प्रस्तावित किया है। बयान में कहा गया है कि वर्तमान में क्यूसीओ के तहत 462 उत्पाद शामिल हैं।

गोयल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि भारत में सभी उत्पाद उच्चतम गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि ये उपाय सूक्ष्म पैमाने की इकाइयों को बढ़ावा देंगे, परीक्षण के बुनियादी ढांचे को बढ़ाएंगे और नागरिकों के बीच गुणवत्ता जागरूकता की संस्कृति विकसित करेंगे।

माइक्रो स्केल इकाइयों में क्वालिटी कल्चर (Quality Culture) को बढ़ावा देने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि बीआईएस प्रमाणीकरण पर 80 प्रतिशत रियायत प्रदान करेगा या विभिन्न उत्पाद प्रमाणन योजनाओं के लिए न्यूनतम अंकन शुल्क लेगा। सोने की हॉलमार्किंग कीमती धातु की शुद्धता का प्रमाण पत्र है।

यह 16 जून, 2021 तक स्वैच्छिक रूप से लागू था। उसके बाद, सरकार ने चरणबद्ध तरीके से गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य करने का निर्णय लिया। पहले चरण में इसे देश के 256 जिलों में अनिवार्य कर दिया गया था और दूसरे चरण में 32 और जिलों को जोड़ा गया, जिसके बाद कुल जिलों की संख्या 288 हो गई है। 51 और जिलों को इसमें जोड़ा जा रहा है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एक अप्रैल 2023 से केवल एचयूआईडी के साथ सोने के आभूषणों की बिक्री की अनुमति दी जाएगी। उपभोक्ता मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा कि यह निर्णय उपभोक्ताओं के हित में लिया गया है। निर्णय के मुताबिक, 31 मार्च के बाद एचयूआईडी के बिना हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों और सोने की कलाकृतियों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में चार अंकों के साथ-साथ छह अंकों के एचयूआईडी का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण पूरे देश में बेचे जा रहे हैं, यहां तक कि उन जिलों में भी जहां उपभोक्ताओं की गुणवत्ता वाले उत्पाद की मांग के कारण यह अनिवार्य नहीं है।

क्या है HUID नंबर: जिस तरह हर शख्स की पहचान के लिए आधार कार्ड है, ठीक उसी तरह ज्वेलरी की पहचान के लिए हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होता है। हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर एक छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड है जिसमें संख्याएं और अक्षर होते हैं, जिसे ज्वेलर्स की तरफ से दिया जाता है। इस नंबर की मदद से ज्वेलरी से संबंधित हर एक जानकारी मिलती है। जैसे ज्वेलरी की शुद्धता, वजन और इसे किसने खरीदा है। बता दें कि ज्वेलर्स को इसकी जानकारी बीआईएस के पोर्टल पर भी अपलोड करनी होती है। हॉलमार्किंग के समय प्रत्येक आभूषण को एचयूआईडी दिया जाएगा और यह प्रत्येक आभूषण के लिए यूनिक होगा। एसेइंग एंड हॉलमार्किंग सेंटर (एएचसी) में गहनों पर विशिष्ट संख्या के साथ मैन्युअल रूप से मुहर लगाई जाती है।