नई दिल्ली। रबी मार्केटिंग सत्र (वित्त वर्ष 23-24) में गेहूं का उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर 1121.18 लाख टन पर रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 4.12 प्रतिशत ज्यादा होगा। कृषि मंत्रालय की ओर से आज जारी उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान में यह जानकारी दी गई है। इस साल गेहूं की बोआई के रकबे में हुई तेज बढ़ोतरी को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है।
अनुमान से पता चलता है कि चल रहे रबी सीजन में सरसों व चने का उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर रहेगा। गेहूं, चना और सरसों का उत्पादन बेहतर रहने से केंद्र सरकार को खाद्य महंगाई दर पर काबू पाने में मदद मिलेगी। खासकर मोटे अनाज पर काबू पाया जा सकेगा, जिसकी कीमत हाल के महंगाई के आंकड़ों में बढ़ी हुई आई है।
बहरहाल खासकर गेहूं के उत्पादन का अनुमान आने वाले कुछ सप्ताह के दौरान मौसम पर निर्भर है। अगर मौसम अनुकूल रहा और तापमान में कोई अस्वाभाविक बदलाव नहीं होता है तो उत्पादन बेहतर रहेगा। पिछले साल अचानक तापमान बढ़ने से उत्पादन घट गया था।
2021-22 में केंद्र के पहले अग्रिम अनुमान में गेहूं उत्पादन 1113.2 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया था, जिसे बाद में घटाकर 1,077.4 लाख टन कर दिया गया। खराब मौसम के कारण उत्पादन में 3.58 प्रतिशत की कमी आई थी। इस साल के पिछले अनुमान में केंद्र सरकार ने गेहूं उत्पादन 1,060 लाख टन होने का अनुमान लगा था, जिसे अब आश्चर्यजनक रूप से बढ़ा दिया गया है।
बहरहाल व्यापार से जुड़े सूत्रों का मानना है कि पिछले साल गेहूं की फसल 1,000 लाख टन से बहुत कम थी, जिसका असर कम सरकारी खरीद और कीमतों में पूरे साल के दौरान तेज ब़ढ़ोतरी मे नजर आया। बहरहाल दूसरे सरकारी अनुमान से पता चलता है कि रबी की अन्य प्रमुख फसलों का उत्पादन भी पिछले साल से बेहतर रहेगा।
सबसे बड़ी दलहन फसल चने का उत्पादन इस साल 136.3 लाख रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 0.66 प्रतिशत ज्यादा है। रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों का उत्पादन रिकॉर्ड 128.1 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 7.11 प्रतिशत ज्यादा है।