नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में तिलहन फसलें खूब लहलहा रही है। इनकी बोआई ज्यादा होने के बाद उत्पादन भी बढ़कर रिकॉर्ड स्तर को छूने का अनुमान है। ज्यादा रकबे के साथ अनुकूल मौसम के कारण रबी सीजन में तिलहन फसलों की पैदावार लक्ष्य से भी ज्यादा होने की संभावना है।
वही वर्ष 2022—23 में रिकॉर्ड कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 32.35 करोड़ टन अनुमानित है, जो वर्ष 2021-22 की तुलना में 79.38 लाख टन अधिक है। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का उत्पादन करीब 4 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन होने का अनुमान है।
तिलहन उत्पादन लक्ष्य से 1.23 फीसदी
चालू रबी सीजन में तिलहन फसलों का रकबा 109.84 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछले साल 102.36 लाख हेक्टेयर में बोई गई तिलहन फसलों से 7.28 फीसदी ज्यादा है। ज्यादा बोआई के साथ अब तक मौसम भी तिलहन फसलों के अनुकूल है। ऐसे में तिलहन उत्पादन लक्ष्य से भी ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। वर्ष 2022-23 के लिए सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार चालू रबी सीजन में 146.33 लाख टन तिलहन फसलों का उत्पादन होने का अनुमान है, जो 144.55 लाख टन के लक्ष्य से 1.23 फीसदी और वर्ष 2021—22 के 139.91 लाख टन उत्पादन से 4.58 फीसदी ज्यादा है।
रबी सीजन में सरसों, सूरजमुखी और अलसी की पैदावार ज्यादा है, जबकि रबी सीजन की दूसरी प्रमुख तिलहन फसल मूंगफली की पैदावार पिछले सीजन के 17 लाख टन से घटकर 14.74 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि लक्ष्य 18 लाख टन था। सूरजमुखी का उत्पादन 1.39 लाख टन से बढ़कर 1.44 लाख टन, अलसी का उत्पादन 1.26 लाख टन से बढ़कर 1.40 लाख टन होने का अनुमान है। वर्ष 2022—23 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल तिलहन उत्पादन रिकॉर्ड 400.01 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष के तिलहन उत्पादन की तुलना में 20.38 लाख टन अधिक है। खरीफ सीजन में सबसे ज्यादा सोयाबीन की पैदावार 139.75 लाख टन होने का अनुमान है।
सरसों की पैदावार पिछले साल से 7.14 फीसदी ज्यादा
चालू रबी सीजन में सरसों की रिकॉर्ड बोआई होने के बाद अब उत्पादन का भी रिकॉर्ड टूटने जा रहा है। रबी सीजन में सरसों की बोआई 7.41 फीसदी बढ़कर 98.02 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो अब तक का रिकॉर्ड है। सरकारी अनुमान के मुताबिक चालू रबी सीजन में देश में रिकॉर्ड 128.18 लाख टन सरसों पैदा होने का अनुमान है, जो पिछले सीजन की पैदावार 119.63 लाख टन से 7.14 फीसदी और इस सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य 121 लाख टन से 5.93 फीसदी अधिक है।