श्रीमद् भागवत कथा में सुनाया कृष्ण-सुदामा मित्रता का प्रसंग

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कोटा। छप्पन भोग परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के आठवें दिन की शुरुआत श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग से हुई। स्वामी गिरीशानंद महाराज ने कहा अराध्य कृष्ण की लीलाओं के श्रवण से उनकी भक्ति प्राप्त होती है। सखा का अर्थ होता है जब एक का नाम पुकारो तो दूसरा स्वयं खींचा चला जाता है, दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं, ऐसी थी श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता। भगवान अपने भक्तों में सम्पन्न-निर्धन का भेद नहीं करते, भगवान हृदय के भाव व प्रेम को देखते हैं।

कृष्ण सुदामा मिलन का वर्णन करते हुए गिरिशानन्द महाराज कहते हैं कि जब द्वारपालों से सुदामा का नाम सुन भगवान दौड़े चले आए। अपने मित्र को गले से लगाया, उनकी दशा देख रोते हुए बोले, मित्र सुदामा तुम्हारी इस दशा का दोषी में हूं। तुम पहले क्यों नहीं आए। भक्त राज सुदामा का भगवान कृष्ण ने पाद प्रक्षालन किया व उनको अपने जैसा वैभव संपन्न कर दिया।

दान करो, दिखावा नहीं: गिरिशानंद महाराज ने कहा कि मानव का स्वभाव है कि जब वो दान करता है तो दिखावा भी करता है। एक हाथ से दान करो तो दूसरे हाथ को पता नहीं चले। आपके किए दान का पता केवल आपके अतिरिक्त ठाकुर जी को होना चाहिए। ठाकुर जी ने अपने सखा सुदामा के मुट्ठी भर चिवड़े के बदले उन्हें बताए बिना ही सर्व लोक की सम्पत्ति दे दी। कथा के दौरान श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन का सजीव झांकी के माध्यम से अद्भुत चित्रण किया गया। अरे द्वारपालो कन्हैया से कहदो, मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले…भजनों पर श्रद्धालु झूमते रहे।

शिव के मुख से निकला अमृत है भागवत: कथा के उत्तरार्द्ध में स्वामी मुक्तानन्द महाराज ने कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भागवत कथा हमें आध्यात्मिक ज्ञान का बोध करवाती है। भागवत कथा स्वयं शिव के मुख से निकले अमृत के समान है। हमारा शरीर केवल मिथ्या है, आत्मा ही परम सत्य है। हमारी देह के अंदर प्राण, प्राण के अंदर मन, मन के अंदर बुद्धि और बुद्धि में ज्ञान व संस्कार है। इसलिए ज्ञान व संस्कार के लिए परिश्रम अनिवार्य है। हमें मनुष्य जीवन सांसारिक मोहमाया के लिए स्वयं को जानने के लिए मिला है। जो अध्यात्म से जुड़ता है वो आज नहीं तो कल स्वयं को जान लेता है।

वित्त मंत्री ने लिया व्यासपीठ का आशीर्वाद: एक दिवसीय प्रवास पर कोटा आई केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने भी स्पीकर ओम बिरला के साथ श्रीमद् भागवत कथा में पहुंचकर व्यासपीठ पर विराजमान गिरिशानन्द सरस्वती महाराज व मुक्तानन्द जी महाराज का आशीर्वाद लिया। आयोजक डॉ. अमिता बिरला, अपर्णा अग्रवाल व समस्त बिरला व अग्रवाल परिवार के सदस्यों ने विधिवत भागवत पूजन व आरती की। सांसद दिया कुमारी व अन्य गणमान्यों ने व्यास पीठ का आशीर्वाद लिया।

भागवत कथा का समापन कल: सात दिवसीय श्रीमद् भागवत के समापन के उपरांत सोमवार को भागवत हवन व पूर्णाहुति के उपरान्त महाप्रसादी वितरण किया जाएगा।