आईसीआईसीआई लोन फ्रॉड केस में चंदा कोचर को नहीं मिली कोर्ट से अंतरिम राहत

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नई दिल्ली।आईसीआईसीआई -वीडियोकॉन फ्रॉड केस में बैंक की पूर्व शीर्ष अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को एक और झटका लगा है। दरअसल, कोचर दंपति ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि, मंगलवार को कोर्ट ने उन्हें कोई अंतरिम राहत नहीं दी।

बता दें कि कोचर दंपति की ओर से न्यायमूर्ति माधव जामदार और न्यायमूर्ति एस जी चापलगांवकर की अवकाश पीठ के समक्ष याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी। हालांकि, पीठ ने इस मामले में तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।

न्यायाधीशों ने कहा कि याचिका तत्काल सुनवाई के लायक नहीं है। वर्तमान में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के अलावा वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत 28 दिसंबर (बुधवार) तक सीबीआई की हिरासत में हैं।

क्या है आरोप: सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ICICI बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थी।

ICICI बैंक ने मई, 2018 में ऋण देने में कोचर की कथित भूमिका के बारे में शिकायत मिलने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। कर्ज देने से कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा हुआ था। विवाद गहराने पर कोचर छुट्टी पर चली गई थीं और समय-पूर्व सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।